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________________ ( ३५१ ) यहाँ भ० महावीर की २० फीट ऊँची मूर्ति है। ___ मथुरा-सूरसेन देश की राजधानी थी। यहाँ भ० महावीर की मान्यता विशेषरूप मे रही है । यह निर्वाणतीर्थ है ।२ के मिथिलापरी-विदेह की राजधानी थी । वर्तमान सीतामढी को मिथिला बताया जाता है । भ० महावीर का यहाँ विहार हुआ था। के मगग्राम-में भ० महावीर के समय विजय क्षत्रिय राजा था। भगवान ने यहाँ मृगापुत्रके कृत पापों का वर्णन किया था, यह श्वेताम्बरीय शास्त्र बताते है। के मत्तिकावती-नगरी दशार्णदेश की राजधानी थी। भ० महावीर यहाँ कई दफा आए थे और यहाँ के राजा दशार्णभद्र को दीक्षा दी थी। राजगह-मगधदेश की राजधानी था। इसे सम्राट श्रेणिक ने फिर से बनवाया था। भ० महावीरके सम्पर्क में यह नगर सबसे अधिक आया था। यहाँ निकट विपुलाचल पर्वत पर भगवान् का समवशरण कई दफा आया था। राजगह के सामान्य-विशेष प्रायः सब ही मनुष्य भ० महावीर के भक्त बने थे। आजकल यह पटना जिले का राजगिरि स्थान है।३ रानीबंध-बंगाल के मयूरभंजस्टेट मे है । यहाँ श्री भ० महावीर की मूर्ति मिली है जिसकी पूजा करने लोग यहाँ आया करते थे। 5. म. मा. स्मा०, १० ११ २. दि० २० १०, पृ. ८६ ३, दि० २० ११०, पृ० ५६५ ४, ५० वि० घो० प्रा० स्मा, प..२४
SR No.010164
Book TitleBhagavana Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Parishad Publishing House Delhi
PublisherJain Parishad Publishing House Delhi
Publication Year1951
Total Pages375
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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