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________________ महावीर : क्रान्तद्रष्टा, युगसृष्टा मिट जाती है, सागर की तरह रह जाती है । इसलिए महावीर कहते हैं कि आत्मा ही परमात्मा हो जाता है। साधक के लिए भविष्य की घटना: __ अाज महावीर को दो हजार पांच सौ वर्ष हो गये हैं। वह अतीत की घटना है। इतिहास यही कहेगा । मैं यह नहीं कहंगा । साधक के लिए महावीर भविष्य की घटना है। उसके जीवन में आने वाले किसी क्षण में वह वहां पहुंचेगा, जहाँ महावीर पहुंचे थे और जब तक हम उस जगह न पहुंच जायें, तब तक महावीर को समझा नहीं जा सकता। क्योंकि उस अनुभूति को हम कैसे समझेगे जो अनुभूति हमें कभी नहीं हुई है । महावीर को समझना हो, तो बहुत गहरे में स्वयं को समझना और रूपान्तरित करना ज्यादा जरूरी है । . .
SR No.010162
Book TitleBhagavana Mahavir Adhunik Sandarbh me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarendra Bhanavat
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year
Total Pages375
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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