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________________ १६२ दार्शनिक संदर्भ साथ आध्यात्म को जोडो और वैज्ञानिक प्राविकारों को रचनात्मक दिशा में मोडो । जीवन का चरम लक्ष्य सुख और शान्ति है । उसकी उपलब्धि संघर्ष से नहीं सद्भाव से होगी । ____ अहिंसा में निराशा को स्थान नहीं । वह जानती है कि उपा के आगमन से पूर्व रात्रि के अन्तिम प्रहर का अंधकार गहनतम होता है । आज विश्व में जो कुछ हो रहा है वह इस बात का सूचक है कि अव शीघ्र ही नये युग का उदय होगा और संसार में यह विवेक जाग्रत होगा कि मानव तथा मानव-नीति से अधिक श्रेष्ठ और कुछ नहीं है। आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों वह दिन आयेगा जब राष्ट्र नया साहस बटोर पायेंगे और वीर-शासन के सर्वोदय-तीर्थ तथा गांधी के रामराज्य की कल्पना को चरितार्थ करेंगे।
SR No.010162
Book TitleBhagavana Mahavir Adhunik Sandarbh me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarendra Bhanavat
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year
Total Pages375
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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