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________________ श्री श्र० भा० साधुमार्गी जैन संघ की स्थापना ३० सितम्बर, १९६२ (सं० २०१६, आश्विन शुक्ला द्वितीया ) को उदयपुर में हुई थी। संघ का प्रमुख उद्देश्य व्यक्ति को ग्रात्मस्वरूप का ज्ञान कराते हुए सदाचारमय श्राध्यात्मिक जीवन जीने की प्रेरणा देने के साथ-साथ समाज की जन हितकारी प्रवृत्तियों को बढ़ावा देते हुए उसे निरन्तर प्रगति की ओर अग्रसर करते रहना है । इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जहाँ एक ओर संघ, जीवन-निर्माणकारी सत् साहित्य के प्रकाशन को महत्त्व देता रहा है, वहाँ दूसरी ओर सामाजिक समानता, स्वस्थता व संस्कारशीलता के लिए नैतिक शिक्षण, स्वधर्मी- महयोग, जीव-दया, छात्रवृत्ति, छात्रावास सुविधा पिछडे हुए वर्गों के उत्थान एवं संस्कार - निर्माण के लिए धर्मपाल- प्रवृत्ति, महिलाओं के स्वावलम्वी जीवन के लिए उद्योग मन्दिर जैसे महत्त्वपूर्ण विविध आयामी कार्य सम्पादित कर रहा है । इन प्रवृत्तियों को गतिशील बनाये रखने के लिए 'श्रमणोपासक' पाक्षिक पत्र का प्रकाशन किया जाता है। संघ की महिला समिति, नारीजागरण की दिशा में विशेष प्रयत्नशील है । संघ द्वारा प्रकाशित किए जाने वाले इन ग्रन्थों के लेखन, सम्पादन एवं प्रकाशन में जिन व्यक्तियों का सहयोग रहा है, उन सबके प्रति हम हार्दिक आभार प्रकट करते हैं । मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली ने हमारे निवेदन पर प्रमुख वितरक का दायित्व लेना स्वीकार किया, ग्रतः हम उनके ग्राभारी है । हमें ग्राशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि इन ग्रन्थों के अध्ययन-मनन से, भगवान् महावीर और उनके तत्त्व-ज्ञान को, तत्कालीन एवं ग्रावुनिक दोनों संदर्भों में, सही परिप्रेक्ष्य में समझने-परखने तथा समसामयिक जीवन की समस्याओं को सुलझाने में मदद मिलेगी । निवेदक गुमानमल चौरड़िया जुगराज सेठिया मंत्री अध्यक्ष भंवरलाल कोठारी, चंपालाल डागा, कालूराम छाजेड़, पृथ्वीराज पारख सहमंत्री श्री श्रखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी जैन संघ
SR No.010162
Book TitleBhagavana Mahavir Adhunik Sandarbh me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarendra Bhanavat
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year
Total Pages375
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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