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________________ १. नानोमाना। इत्यादि बानसे निकलनेनाली भातुर्ग, पन्त उनि मानो अलग होने पर उगे जीत नही रहता। २-जलमागिक जी-1-गीन जल की निकासी हो । जगे-जल, ओला, , ग मादि। ३-अभिकाधिक जी--- अमिती का शरीर हो। जैसे-अगि। ४-नायुकागिक जीत~~ अर्थात नाय की जिनका शरीर हो । जैसे-गा। -নননি কাশি ভীমগণ্য ন ি fান शरीर हो, जैसे- क्ष, वेल, फल-फल, जीपी न्यादि । ये पांच कामक जीन वादा (माल) और रस के भेदसे दो प्रकार के होते हैं। प्रश्नावली। (१) स्थावर जीव कितने प्रकार के होते है । ( २ ) जिम जीवका शरीर हवा है, उपको क्या कहते हैं ? ( ३ ) आमके वृक्ष, अगृाकी वेल, गुलाब के फूल और नीमके पत्त कौनसे जीव है ? (५) एक तालावमे कपलने फूलोंपर भार गूंज रहे हों, तो बताओ वहांपर कौन-कौनसी कायके जीव हैं ?
SR No.010158
Book TitleBalbodh Jain Dharm Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDayachand Goyaliya
PublisherDaya Sudhakar Karyalaya
Publication Year
Total Pages145
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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