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________________ wwwwwwwwwwwwwwwwwwww वालकोपयोगी पुस्तकें १ बालबोध जैन धर्म पहला भाग .... .... २ वालवोध जैन धर्म दूसरा भाग .... .... ८) ३ वालबोध जैन धर्म तीसरा भाग .... .... )|| १ वालवोध जैन धर्म चौथा भाग .... .... ) है ५ रत्नकरण्डश्रावकाचार-पं० पन्नालालजी बाकलीवाल है है कृत अन्वय, अर्थ और भावार्थ सहित .... .... ) ६ द्रव्यसंग्रह-अन्वय, अर्थ और भावार्थ सहित ) ७ जैनसिद्धान्तप्रवेशिका-स्याद्वादवारिधि पं० गोपाल- है दासजी बरैया रचित | जैनसिद्धान्तमें प्रवेश करनेवालोंके लिये यह पुस्तक बड़ी उपयोगी है। ८ मोक्षशास्त्र-अर्थात् तत्वार्थसूत्रकी पं० पन्नालालजी है है वाकलीवालकृत बालबोधिनी सरस हिन्दीभापाटीका .... ॥) है ९ आदिनाथस्तोत्र-~-अर्थात् भक्तामरस्तोत्रका पं० है है नाथूरामजी प्रेमीकृत सरल हिन्दी पद्यानुवाद और अन्वयार्थ ।।) है १० जैनशतक-पं० भूधरदासजीकृत बड़े ही सार गर्भित है ६ १०७ कवित्त, सवैया दोहा आदिका संग्रह .... ) ११ च शतक-६० थानतरायजीने इसमें त्रैलोक्यसार है है और गोमट्टसार अदिका सार सबैया कवित्त छप्पय आदिमें वर्णन किया है। उसकी सरल हिन्दी टीका पं० नाथूरामजी कृत है ११) मिलनेका पता:मैनेजर-जैन-ग्रन्थ-रत्नाकर कार्यालय हिराबाग, पो० गिरगांव-बम्बई । wwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwws mmammmmwammmmmmmmmmmmmmmmmmmmwwwwwwwwwwwwwwammamiwwwwwwwwwwwww
SR No.010158
Book TitleBalbodh Jain Dharm Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDayachand Goyaliya
PublisherDaya Sudhakar Karyalaya
Publication Year
Total Pages145
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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