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________________ (३६) उदाहरण देकर समझाओ। ३ इन प्रश्नोंका उत्तर दो:(क) प्रोपधोपवासके दिन क्या क्या करना चाहिये ? (स्व) ग्यारहवीं प्रतिमाधारीके व्रत अणुनत हैं या महाव्रत ? (ग) सामायिक कहाँ और किस समय करनी चाहिये और सामायिक करते समय क्या विचार करना चाहिये ? (घ) अनर्थदण्डव्रतका धारी ऐसी पुस्तके पढेगा व सुनेगा या नहीं जिनमें जीवहिंसा और युद्धका कथन हो ? (ड) पचाणुव्रतका पालनेवाला कौनसी प्रतिमाका धारी है ? (च) अहिंसाणुव्रतका धारी लड़ाई में जाकर लडेगा या नहीं ? मन्दिर, कूआ, तालाव बनवायगा या नहीं ? खेती करेगा या नहीं ? (छ) छपी हुई पुस्तकें बॉटना, अंग्रेजी तथा शिल्प विद्याके लिये रुपया देना ज्ञानदान है या नहीं ? (ज) गुणव्रत तथा शिक्षाव्रत विना अणुव्रतके हो सकते हैं या नहीं ? (झ) एक पुरुपने यह नियम किया कि मैं एगिया, युरोप, अफरीका, अमेरिका, आस्ट्रेलिया अर्थात् पञ्च महाद्वीपोंके बाहर न जाऊँगा तो बताओ उसका यह दिग्व्रत है या नहीं ? (ज) एक पडित महाशय बिना कुछ लिये दिये विद्यार्थियोंको पढाते हैं तो बताओं वे कौनसा व्रत पाल रहे हैं ? (ट) मिथ्यात्वका नाश करने और ज्ञानका प्रकाश करनेके लिये अकलंकने आपत्ति पड़नेपर झूठ बोलकर अपने प्राणोंकी रक्षा की, बताओ उन्हें झूठका पाप लगा या नहीं ? (ठ) सडकपर एक पैसा पड़ा था, हरिने उठाकर एक भिखारीको दे दिया, बताओ हरिने अच्छा किया या बुरा ? (ड) साफ मालूम है कि अपराधीको फॉसीकी सजा मिलेगी, किसी सूरतसे उसके प्राण नहीं बच सकते, उसको बचानेके लिये झूठी गवाही देना अच्छा है या बुरा ?
SR No.010158
Book TitleBalbodh Jain Dharm Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDayachand Goyaliya
PublisherDaya Sudhakar Karyalaya
Publication Year
Total Pages145
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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