SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 11
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सबसे मीठे वचन बोलो। [७ पाँचवाँ पाठ। पांच तरहके जीव। एक इन्द्रिय जीव-उनको कहते हैं जिनके सिर्फ एक ही स्पर्शन इन्द्रिय हो। जैसे-मिट्टी, पानी. आग, हवा, फल, फूल, पेड़। दो इन्द्रिय जीव-उनको कहते हैं जिनके स्पर्शन और रसना ये दो इन्द्रियां हो। नेसलट, केंचुआ, जोंक, शंख वगैरह ।। तीन इन्द्रिय जीव--उन्हें कहते हैं जिनके स्पर्शन, रसना.घ्राण ये तीन इन्द्रियां हो। जैसे-- चिंवटी, चिंवटा, खटमल. जूं वगैरह । ___ चार इन्द्रिय जीव--उन्हें कहते हैं जिनके स्पर्शन, रसना, घाण और चक्षु ये चार इन्द्रियां हों। जैसे--भौंरा, बर्र, ततइया. मकवी, छर, टिड्डी वगैरह। ___ पांच इन्द्रिय जीव--उन्हें कहते हैं जिनके पांचों ही इन्द्रियां हों । जैसे-व. नारकी, मर्द, औरत, बेल, घोड़ा वगैरह ।
SR No.010158
Book TitleBalbodh Jain Dharm Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDayachand Goyaliya
PublisherDaya Sudhakar Karyalaya
Publication Year
Total Pages145
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy