SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 749
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सम्यक्त्व ६५१ (६०) मुख, पगड़ी आदि का 'बुकाना' हो तो अलग कर देना । (६१) फूल के हार हों तो सर से उतार देना । (६२) शर्त नहीं लगाना। (६३) गेंदवल्ला नहीं खेलना । (६४) रिश्तेदार आदि को जुहार नहीं करना । (६५) माड़मवैया का खेल नहीं खेलना । (६६ ) किसी को आवाज देकर नहीं बुलाना । (६७) लेनदेन के बारे में जिनमंदिर मे आकर तझाना नहीं करना । (६८) रणसंग्राम नहीं करना । (६९) सर के बाल खोलना या खुजाना नहीं। (७०) पालथी मारकर नहीं बैठना। (७१ ) खड़ाऊँ पहनकर नहीं चलना । (७२ ) पैर फैलाकर नहीं बैठना । (७३ ) इशारे के लिए सीटी नहीं बजाना। (७४ ) पैर का मैल नहीं निकालना। . (७५) कपड़े नहीं झटकना। (७६ ) खटमल, जूं आटि नहीं डालना । (७७) मैथुन क्रिया नहीं करना । (७८) जीमन नहीं करना। (७९) क्रय-विक्रय नहीं करना । (८०) दवा-दारू नहीं देना । (८१) खाट नहीं खखेरना । (८२) गुह्यभाग उघाड़ना या सॅमालना नहीं । (८३) मुक्काबाजी या मुर्गे आदि का युद्ध नहीं कराना । (८४ ) चौमासे में पानी इकट्ठा करके उसमें स्नान नहीं करना, पीने के लिए पानी का पात्र नहीं रखना।
SR No.010156
Book TitleAtmatattva Vichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakshmansuri
PublisherAtma Kamal Labdhisuri Gyanmandir
Publication Year1963
Total Pages819
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy