SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 31
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सत्ताईस पृष्ठ ६८९ ६८९ ६८९ ६९२ ६९३ ६९३ ६९४ ६९४ ६९६ ६९६ ६९७ व्याख्यान विषय चरित्र के दो प्रकार देशविरति चारित्र किस गृहस्थ को होता है मार्गानुसारी के ३५ नियम मध्यम और उत्तम कोटि के गृहस्थ सम्यक्त्व की धारणा बारह व्रतों के नाम व्रतों के विभाग प्रथम-स्थूल-प्राणातिपात-विरमण-बत द्वितीय-स्थूल-मृषावाद-विरमण-व्रत तृतीय स्थूल-अदत्तादान-विरमण व्रत चतुर्थ-मैथुन विरमण-व्रत पाँचवाँ-परिग्रह-परिमाण-व्रत छठा-दिक्-परिमाण-व्रत सप्तम-भोगोपभोग-परिमाण-व्रत अष्टम-अनर्थदंड-विरमण-व्रत नवम्-सामायिक व्रत दशम्-देशावकाशिक-व्रत ग्यारहवा–पौषध-व्रत बारहवाँ अतिथि सविभाग-व्रत श्रावक की दिनचर्या छियालीसवाँ सम्यक् चरित्र (२) सर्वविरति चारित्र के अधिकारी प्रथम महाव्रत द्वितीय महाव्रत ६९७ ६९७ ६९८ ६९९ ६९९ ७०० ७०० ७०० ७०१ ७०३ ७०३ ७०५ ७०६
SR No.010156
Book TitleAtmatattva Vichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakshmansuri
PublisherAtma Kamal Labdhisuri Gyanmandir
Publication Year1963
Total Pages819
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy