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________________ आत्मज्ञान कव होता है ? बाँझनी गाय के खरीदार का दृष्टान्त एक आदमी बडा भोला था। उसके बीमार पड़ने पर वैद्यों ने सलाह दी-"आप सिर्फ गाय के दूध पर रहना ।" गाय का दूध हलका और पाचक है, तथा बल-बुद्धि को बढानेवाला है। सिर्फ गाय के दूध पर रहना हो, तो रोज ६-७ सेर दूध चाहिए । , इसलिए, उस आदमी ने एक गाय खरीद लेने का विचार किया। वह ढोरबाजार पहुंचा। वहाँ उसने बहुत-सी तरह-तरह के रग की गाये देखीं ।। कुछ दुबली, कुछ मध्यम, कुछ मोटी-ताजी । उनमं एक हृष्ट-पुष्ट गाय के गले में घटा बँधा हुआ था। यह देखकर उसने विचार किया-और, किसी गाय के गले मे घटा नहीं बँधा हुआ, सिर्फ इसी गाय के गले में बँधा हुआ है । इसलिए, यह सब गायो से अच्छी होनी चाहिए। दूसरे, यह शरीर से भी हृष्ट-पुष्ट है, इसलिए जरूर और गायो से ज्यादा दूध देती होगी।' चूँकि उसकी धारणा ऐसी बन गयी थी, इसलिए उसने विशेष पूछताछ नहीं की । मुंहमांगी कीमत देकर वह गाय को घर ले आया। उसकी घरवाली चतुर थी। उसने गाय को देखते ही पूछा-"यह गाय कितनी बार ब्याई है ?" वह बोला : “यह तो मैंने नहीं पूछा।" "यह दूध कितना देती है ? "यह भी मैने नहीं पूछा।" "क्या इसे दुहकर देख लिया था ?” "ना, मैंने इसे दुहकर भी नहीं देखा।" स्त्री एक के बाद एक सवाल पूछती गयी और भोलेनाथ हर सवाल का जवाब 'ना' में देते गये । स्त्री ने अन्तिम प्रश्न किया
SR No.010156
Book TitleAtmatattva Vichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakshmansuri
PublisherAtma Kamal Labdhisuri Gyanmandir
Publication Year1963
Total Pages819
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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