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________________ सोलह व्याख्यान १३७ दसवाँ १४६ विषय पृष्ठ शान की आराधना १३२ - मतिज्ञान के भेद औत्पत्तिकी बुद्धि १३४ वैनेयिकी बुद्धि १३६ कार्मिकी बुद्धि १३६ परिणामिकी बुद्धि श्रुतज्ञान के भेद १३८ अवधिज्ञान आदि के भेद १४० आत्मा का खजाना (३) १४२ हंस और केशव की बात पुरुषार्थ की प्रतिष्ठा १५० पुरुषार्थ के पाँच दर्जे १५१ नियतिवाद की निरर्थकता पर सद्दालपुत्र का दृष्टान्त १५१ अद्धा १५४ सर्वज्ञता १५८ मानव भूत-भविष्यत् और वर्तमान जान सकता है १६६ आत्मज्ञान कब होता है वामनी गाय के खरीदार का दृष्टान्त सद्गुरु कैसा हो १७४ आत्म-ज्ञान केवल पुस्तको से नहीं मिल सकता १७५ गुरु दीपक है १७६ लड़के गुरु के पास जायेंगे तो... चार पंडितो की बात १७९ मिथ्यात्व का महारोग ग्यारहवाँ वारहवा ૭ર १७३ १७६ १८१
SR No.010156
Book TitleAtmatattva Vichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakshmansuri
PublisherAtma Kamal Labdhisuri Gyanmandir
Publication Year1963
Total Pages819
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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