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________________ बनारसीदास और सन्त सुन्दरदास अन्य सन्त कवि २३६ २३९ २४०-२६५ २४० २४८ २५१ २५५ ၃-၃s ၃၄င်-၃ မှ ( खण्ड ५) एकादश अध्याय-मध्यकालीन धर्म साधना में प्रयुक्त कतिपय शन्दों का इतिहास सहज समरस और महासुख नाम सुमिरन और अजपा जाप निरंजन अवधू द्वादश अध्याय-उपसंहार परिशिष्ट-खोज में प्राप्त नई रचनाओं के हस्तलेखों से उद्धृत अंश अपभ्रश आणंदा-पानन्दतिलक दोहाणुवेहा- लक्ष्मीचन्द दोहापाहुड़-मयंदिण मुनि आत्मप्रतिबोध जयमाल-छीहल हिन्दी श्री चूनरी-भगवतीदास स्फुट पद - रूपचद दोहापरमार्थ-रूपचंद अध्यात्म सवैया-रूपचंद खटोलना-गीत रूपचद मनकरहा रास-ब्रह्मदीप स्फुट पद-ब्रह्मदीप समाधितत्र-जसविजय उपाध्याय उपदेश दोहा शतक-याण्डे हेमराज अध्यात्मपंचासिका दोहा-द्यानतराय फुटकल पद-द्यानतराय संदर्भ ग्रन्थ सूची २७१ २७४ २७७ २८१ २८२ २८४ २८५ २८८ २८९ २९० २९१ २९२ २९४ २९५ २६७-३०४ ३०५-३१४ ३०५ ३११ ग्रन्यानुनमणिका
SR No.010154
Book TitleApbhramsa aur Hindia me Jain Rahasyavada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVasudev Sinh
PublisherSamkalin Prakashan Varanasi
Publication Year
Total Pages329
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size60 MB
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