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________________ अपश्चिम तीर्थकर महावीर - 24 नष्ट हो गया। हा! हा! कैसा ऐसा लगता है गर्भ गल गया पाप मैंने पूर्वजन्मों में किया है? किसी का गर्भ नष्ट कराया है। किसी के नयनों के सितारे, प्राण-प्यारे बालक का मां से वियोग कराया है, पक्षियों के अण्डों को नष्ट किया है, पशुओं के बच्चों का घात किया है। हा! हा! कैसी अभागिनी, पुण्यहीना हूं। धैर्य रखो महारानी ! सब कुछ ठीक होगा। ऐसी पुण्यशाली आत्मा गर्भ में मरण को प्राप्त नहीं करती क्योंकि तीर्थंकर, चक्रवर्ती आदि उत्तम पुरुष अनपवर्तनीय आयुष्य वाले होते हैं । उनकी आयु बीच में किसी भी निमित्त से समाप्त नहीं होती। अभी थोड़ी देर बाद सब ठीक हो जायेगा । महाराजा ने धैर्य बंधाते हुए कहा । इधर गर्भस्थ तीर्थंकर भगवान् महावीर ने अपनी ममतामयी मां की वात्सल्य धारा को देखा तो सोचा अहो! मैंने तो माता को कष्ट न हो एतदर्थ हलन -- चलन बन्द किया लेकिन उलटा मां को इससे ज्यादा कष्ट हो रहा है, तो शरीर के एक भाग को हिलाना चाहिए । ऐसा चिन्तन कर तुरन्त एक भाग को हिलाया । खोई हुई सम्पत्ति को प्राप्त कर माता अत्यन्त प्रमुदित होती है। राजन! आपके वचनों में जादुई प्रभाव है । मेरा गर्भ गला नहीं है। उसमें अब हलन चलन क्रिया हो रही है। भगवान् महावीर ने सोचा, क्षणिक वियोग से माता अतीव वेदना का अनुभव करने लगी है तो मां के तन में प्राण रहते यदि संयम अंगीकार करूंगा तो प्राणों का वियोग हो जायेगा, ये जीवित नहीं रह पायेंगी तब प्रतिज्ञा ग्रहण कर लेना है कि जब तक मां-पिताजी जीवित रहेंगे तब तक संयम ग्रहण नहीं करूंगा। इस प्रकार गर्भ के सप्तम माह में भगवान् ने प्रतिज्ञा ग्रहण कर ली । ' इधर क्षत्रियाणी त्रिशला परम प्रमोद भाव को प्राप्त होकर गर्भ संरक्षण करने लगी । त्रिशला रानी शोकरहित, रोगरहित, भयरहित, त्रासरहित जब गर्भस्थ बालक को संस्कारित कर रही थी तभी उन्हें दोहद उत्पन्न हुएमैं अपने हाथों से दान देऊँ, सुपात्र दान देकर अपने जन्म-जीवन को धन्य बनाऊँ, देश में अमारी की घोषणा कराऊँ, कैदियों को बन्दिगत से मुक्ति कराऊँ, सागर, चन्द्र और अमृत का पान करूँ, राज्य
SR No.010152
Book TitleApaschim Tirthankar Mahavira Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAkhil Bharat Varshiya Sadhumargi Jain Sangh Bikaner
PublisherAkhil Bharat Varshiya Sadhumargi Jain Sangh
Publication Year2005
Total Pages259
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, & Story
File Size10 MB
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