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________________ । १८० ] अपना नहीं है, वह निकम्मा माना जाता है। उदाहरणार्यवर्तमान मे हमारे पास जो साधन हो वही उपयोगी हो सकता है । भूतकाल की या परायी वस्तु काम में नहीं पाती। हमारे पाग साइवाल हो और उसका वर्तमान में उपयोग किया जाता हो तो यह नय उसे साइकल कहेगा, अन्यथा यह नय उनका साइकल के तौर पर स्वीकार नहीं करेगा। (५) शब्द नय-वस्तु के लिये प्रयुक्त गब्द के लिंग, वचन, काल, सरया यादि व्याकरण भेदो में होने वाले अर्थों को अलग अलग रुप मे जानने और बताने वाला नय 'शब्दनय' है। यह नय अनेक शब्दो द्वारा पहचाने जाने वाले एक पदार्य को एक ही मानता है । फिर भी यदि जब्द के लिंग और वचन भिन्न २ हो तो यह पदार्थ को भी भिन्न २ मानता है। जैसे घटा ( गटका ) पोर घडी ( मटकी ) इन दो शब्दो मे से एक पुलिंग और दूसरा स्त्रीलिंग होने के कारण यह नय इन दोनो को भिन्न मानेगा। ___'व्यक्ति' शब्द तीजिये । इसमे स्त्री, पुरुप, और नमु सक इन तीनो का समावेश होता है। लिंगभेद के कारण इन तीनो का अलग अलग अर्थ होता है । इन शब्दो को एक वचन के बदले बहुवचन में प्रयुक्त करे तो भी अर्यभेद होता है। इसी तरह मधुरता, सुन्दरता, कोमलता, वलवान, गुणवान आदि शब्दो का जब प्रयोग किया जाता है तब लिंग (जाति) के अनुसार भिन्न भिन्न अर्थ होते है । यह नय, जो शब्द जिस अर्थ का सूचक हो उस अर्थ को प्रकट करने के लिये वही शब्द प्रयुक्त करेगा। नर और नारी का सामान्य अर्थ देने वाले मनुष्य शब्द के बदले नारी क
SR No.010147
Book TitleAnekant va Syadvada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandulal C Shah
PublisherJain Marg Aradhak Samiti Belgaon
Publication Year1963
Total Pages437
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Philosophy
File Size13 MB
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