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________________ 84 विदेशों में जैन धर्म दान में दी है। वर्तमान नेपाल में लगभग 500 परिवार जैन धर्म के मानने वाले है। नेपाल की राजधानी काठमांडों में सन् 1980 मे स्थापित भगवान महावीर जैन निकेतन के विशाल परिसर में एक नवीन जैन मन्दिर का निर्माण कार्य जोर शोर से चल रहा है जिसे दिगम्बर और श्वेताम्बर दोनो जैन सम्प्रदाय मिल कर बना रहे है। निकेतन में भूतल पर दिगम्बर जैन मन्दिर होगा जिसमें काले पाषाण की ऋषभदेव की काले पाषाण की 37 इंच ऊंची पदमासन प्रतिमा स्थापित की जायेगी। तथा निकेतन की ऊपर की मंजिल पर श्वेताम्बर जैन मन्दिर में भगवान मल्लिनाथ, नेमिनाथ एवं महावीर की प्रतिमायें विराजमान की जायेंगी। नेपाल के महाराजा श्री वीरेन्द्र विक्रम शाह 6 अप्रैल, 1996 को इसका उदघाटन करने वाले थे। निकेतन परिसर मे 25 कमरों का एक भव्य भवन एव भद्रबाह सभागार आदि होंगे। अध्याय 42 भूटान देश में जैन धर्म भूटान में जैन धर्म का खूब प्रसार था तथा जैन मन्दिर और जैन साधु-साध्वियां विद्यमान थे. जहां जैन तीर्थयात्री समय-समय पर जाते रहे हैं। विक्रमी संवत् 1806 मे दिगम्बर जैन तीर्थ यात्री लामचीदास गोलालारे ब्रह्मचारी भूटान देश से जैन तीर्थो की यात्रा के लिए गया था जिसके विस्तृत यात्रा विवरण (जैन शास्त्र भण्डार, तिजारा (राजस्थान)) की 108 प्रतियाँ भिन्न-भिन्न जैन शास्त्र भंडारों में सुरक्षित हैं। अध्याय 43 पाकिस्तान के परिवर्ती क्षेत्रों में जैन धर्म ऋषभदेव ने भरत को अयोध्या, बाहुबली को पोदनपुर तथा शेष 98 पुत्रों
SR No.010144
Book TitleVidesho me Jain Dharm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGokulprasad Jain
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year1997
Total Pages113
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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