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________________ ( १५६ ) बनारसी नाम माला - ले० पण्डित बनारसीदास जी, सपा० पं० लुगलकिशोर मुख्तार, प्र० वीर सेवा मन्दिर सरसावा, भा० हिन्दी पृ० १०८ २० १९४१; आ० प्रथम । बनारसी विलास - ले० कविवर बनारसीदास, सपाट प० नाथूराम प्रेमी, प्र० जैन ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय बम्बई, भा० हि०, पृ० ३६८, व० १९०६, प्रा० प्रथम | बम्ब प्रान्त के प्राचीन जैन म्मारक -मग्र० पा० ब्र० शीतल प्रसाद, प्र० सेठ माणिकचन्द पानाचन्द जौहरी बम्बई, भा० हि०, पृ० २३२, व० १६२५, आ० प्रथम । बम्बई मे शुद्ध दिगम्बराम्नाय मन्दिर निर्माण पत्रिका -- प्र० जैन पचान बम्बर; भा० हि०, पृ० १६, ० १८८८ । बवाना काण्ड - प्र० बा० छोटेलाल जैन कलकत्ता, भा० हि०, पृ० २६, ब० १६२६, प्रा० प्रथम । व्याहली नेमनाथ का (पद्य) - प्र० बा० सूरजभान वकील देवबन्द, भा० हि व० १८६८ । व्याहता बहु - ले० बा० सूरजभान वकील, प्र० साहु जुगमन्दरदास नजीबाबाद, भा० हि०, पृ० ४५, व० १६१५ । बलदेव भजनमाला - सपा० मूलचन्द गुप्त, भा० हि०, पृ० ११२ । बलिदान या अनोखा बदला - ले० फकीरचन्द वियोगी, प्र० हरिवश एण्ड को देहली, भा० हि०, पृ० ६४, व० १६४० । ० ब्रह्म विलास - ले० भैया भगवतीदास, सा० १० नाथूराम प्रेमी, प्र० जैन ग्रंथ रत्नाकर कार्यालय बम्बई, मा० हि०, पृ० ३०५, ० १६२६, द्वितीय; - प्रथम ग्रा० १६०४ । ० बहिरग शुद्धि अथवा मोक्ष पात्रता - ले० प० मक्खनलाल प्र० श्री निवास शास्त्री कलकत्ता, भा० हि०; पृ० ३५, व० १६३८ । बगाल बिहार उड़ीसा के प्राचीन जैन स्मारक - सपा० ० शीतलप्रसाद
SR No.010137
Book TitlePrakashit Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
PublisherJain Mitra Mandal
Publication Year1958
Total Pages347
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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