SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 135
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सहारनपुरः भ० ० ० कलिकुड पार्श्वनाथ पूजा देहनी; भा० [सं० हि० ० १ ( ११३ ) ० प्रथम | मन्त्र स्तोत्र ० १९४२, बां० प्रथम । すこ - प्र० मुन्सीलाल एंड संस कामजी कल्पित कथा समीक्षा ले उग्रादित्याचार्यः प्रतु० संचा वर्धमान पायें-' ना० शास्त्री; प्र० सेठ गोविन्द जी रामजी दोडी शोलापुर मा० सं० [हिन्दी; पु० ८१२, व० १९४० प्रथम । कल्यास कारक -ले० उग्रादित्याचार्य, प्रमुख संपte वर्धमान पार्श्वनाथ शास्त्री, प्र० सेठ गोविन्द जी राव जी दोशी शोलापुर, भा० सं० हि, पृ० ८१६ व० १६४०; मा. प्रथम । कल्याण भावना - ० ताराचंद पांडया) भा० हिं०, पृ० १४, २० १६३४ । कल्याण मंदिर स्तोत्र - ले० कुमुद चन्द्राचार्य; श्रनु पंडित बुदिलास श्रावक; प्र० जैन ग्रंभ रत्नाकर कार्यालय बम्बई, भाषा हिन्दी; पृष्ठ ४६, वर्ष १६१५, आ. प्र० । कल्याण मंदिर स्वोबले० कुमुदचम्प्राचार्य, (काव्य माला सक्षम गुच्छक में प्र०) ब० १८६६ । कल्याण मंदिर स्तोत्र - लेखक कुमुदचन्द्राचार्य; १० १९०६, पंच स्तोत्र $ मे प्र० । कल्याण माला - ले० पडित प्रशाधर, भाषा सं० व १९२१ (सिद्धांत सारादि संग्रह में प्र० ) । कल्याण लोभया (कल्याण लोचना) - लेखक अजीत ब्रह्म भाषा प्रा स०; पृष्ठ १०१ वर्ष १९२१, (सिद्धांत सारादि सग्रह मे प्र०) कल्याण लोभणा ( कल्याण लोचना) - लेखक प्रति ब्रह्म are लालाराना भा० प्रा० सं० हिन्दी; पृष्ठ २१, (बच भक्तपादि सग्रह मे प्र० ) 1
SR No.010137
Book TitlePrakashit Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
PublisherJain Mitra Mandal
Publication Year1958
Total Pages347
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy