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. प्रादिपुराण. समीक्षा की परीक्षा ले० पं० सालाराम शास्त्री प्रमाणिक, जन्द्र बैनाड़ा बम्बई, भा० हि०, पृ० ६६, व०.१९१८, प्रा० प्रथम ।
आध्यात्मिक चौबीस ठाणा-ले० तारण तरण स्वामी, टी० ० शीतल प्रसाद, प्र० सेठ मन्मूलाल जैन मागासोद, भा० हि० पू० १२४, 40 १९३९, प्रा० प्रथम।
आध्यात्मिक निवेदन-ले० ० शीतल प्रसाद, प्र० मूलचन्द्र किशन दास कापड़िया सुरत, भा० हि०, पृ०, १६; २० १९१७, प्रा० प्रथम। ..
आध्यात्मिक पत्रावली (प्रथम भाग)-ले० प्र० गणेश प्रसाद जी वी, प्र० जिज्ञासु मंडल कलकत्ता, भा० हि०, पृ० १४०, २०१९४०, प्रा. प्रथम ।
आध्यात्मिक पत्रावली (द्वितीय भाग)-ले० गणेश प्रसाद जी वर्णी, संपा० बा० छोटेलाल ; प्र० सर सेठ हुकम चन्द इन्दौर, भा० हि०, पृ०७२, व० १९४१ मा० प्रथम ।'
आध्यात्मिक पत्रावली (द्वतीय भाग)-ले० पंडित गणेश प्रसाद जी वर्णी प्र० जिज्ञासु मंडल कलकत्ता भा० हि०, पृ० १८३ व० १९४१, प्रा० प्रथम ।
आध्यात्मिक सोपान-संपा० ब० शीतल प्रसाद जी, प्र० दिगम्बर जैन पस्तकालय सूरत, भा० हि०, पृ० ३२५, व० १९३१, प्रा० प्रथम । ' आधुनिक जैन कवि-सपा० रमारानी, प्र. भारतीय ज्ञानपीठ काशी ! भा०हि०, पृ० २१४, व १९४४ ।
आनुपूर्वी-प्र० उम्मेद सिह मुसद्दीलाल, भा० हि० पृ० २७, व. १९८८
आप्त परीक्षा-(मूल) ले० विद्यानन्द स्वामी, सपा०प लालाराम, प्र० जैन ग्रथ रत्नाकर कार्यालय बम्बई, भा० स०, पृ० १४, व० १९०४ ; प्रा० प्रथम ।
प्राप्त परीक्षा(सटीक)-ले० विद्यानन्द स्वामी; टी० अनु० ५० उमराव सिंह प्र. स्यावाद विद्यालय काशी, भा० सं० हि०, पृ०७२ व०१६१५, मा प्रथम ।