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________________ ( ६२ ) श्रजिताश्रम पाठावली - सपा० सक०प० प्रजितप्रसाद एडवोकेट, प्र० ए० पी० जिंदल, प्रजिताश्रम, लखनऊ, भा० स० हि०, पृ०७२, ० १९३५ ई०, 4 प्रा० प्रथम | श्रजैन विद्वानों की जैन धर्म के विषय में सम्मतियाँ - (प्रथम भाग ) सक० मा० बिहारीलाल, प्र० ज्ञानवर्धक जैन पाठशाला अमरोहा, भा० हि०, पृ० १७, व० १६१५ ई० प्रा० प्रथम । जैन विद्वानों की जैन धर्म के विषय में सम्मतियाँ द्वितीय भाग-सक० मा० बिहारीलाल, प्र० ज्ञानवर्धक ज न पाठशाला अमरोहा, भा० हि०, पृ० ३१, ० १६१५ ई० प्रा० प्रथम । अठाई रासा - प्र० बा० सूरजभान वकील देवबंद, भा० हि०, व० 35851 अठारह नाते (पद्य) - ले० यति नयनसुखदास, प्र० ज्ञानचंद जैनी लाहौर, भा० हि०, पृ० ३२, ० १६१० ई०, आ० द्वितीय । अठारह नाते की कथा - ले० अज्ञात, प्र० जिन वारणी प्रचारक कार्यालय कलकत्ता, भा०, हि०, पृ० ६ अढ़ाई द्वीप पूजन विधान - ले० १० कमलनयन, प्र० मूलचंद किशनदास कापडिया सूरत, भा० हि०, पृ० ३४६, व० १९४४ ई० प्रा० प्रथम । अतीत जिन चतुशितिका -- ले० जयतिलक सूरि, भा० प्रा० स० । अद्भुत रामचरित्र ( प्रथम तु ग बनवास ) - ले० यति नयनसुखदास, प्र० ला० होशियार सिंह सोनीपत, भा० हि०, पृ० २३, व० १९१५ ई०, मा० प्रथम । अद्भुत रामचरित्र ( दूसरा तुग-युद्ध-काड ) - दास, प्र० ला० होशियारसिंह सोनीपत, भा० हि०, पृ० ६८, व० निरजन१९१६ ई०, ० श्रा० प्रथम । अद्भुत रामचरित ( तीसरा तुंग- प्रयोध्या काँड ) -- ले० निरन्जनदास, "
SR No.010137
Book TitlePrakashit Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
PublisherJain Mitra Mandal
Publication Year1958
Total Pages347
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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