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________________ बिहार स्थल नाम कोष ६४५ चौदहवाँ सर्ग कमरि ग्राम - यह गाँव क्षत्रिय कुण्ड के निकट था, यह निश्चित है । कोल्लाग - यह, सन्निवेश वाणिज्य ग्राम के समीप था । मोराक - यह ग्राम वैशाली के आस पास था । अस्थिक --- यह विदेह जनपद में स्थित था, इसके समीप वेगवती नदी बहती थी । वाचाला - यह नगर श्वेताम्बी के निकट था । सेयंविया (श्वेताम्बिका ) -- बौद्ध ग्रन्थों से ज्ञात होता है कि श्रावस्ती जाते समय श्वेताम्बिका बीच में आती थी । जैन सूत्रों के लेखों से भी श्वेताम्बी श्रावस्ती से पूर्वोत्तर में अवस्थित थी । श्राधुनिक उत्तर पश्चिम बिहार के मोतीहारी शहर से पूर्व लगभग ३५ मील पर अवस्थित सीतामढ़ी यह श्वेताम्बिका का ही अपभ्रंश नाम है, ऐसा अनुमान है । सुरभिपुर - विदेह से मगध जाते हुये मध्य में पड़ता था और गंगा के उत्तर तट पर स्थित था । संभव है यह विदेह भूमि की दक्षिणी सीमा का अन्तिम स्थान हो । थूणाक - यह सन्निवेश गंगा के दक्षिण तट पर था । पन्द्रहवाँ स राजगृही आज कल 'राजगृह' 'राजगिर' नाम से पहिचाना जाता है, जिसके पास मोहागिरि पर्वतमाला के पाँच पर्वत हैं, जैन
SR No.010136
Book TitleParam Jyoti Mahavir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanyakumar Jain
PublisherFulchand Zaverchand Godha Jain Granthmala Indore
Publication Year1961
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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