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________________ अपनी ओर आकर्षित करता था। स्वधर्म के प्रति पूर्ण आस्थावान रहते हुए आपने कई आध्यात्मिक पद कंठस्थ कर रखे थे। पद्मावती पुरवाल समाज के पुनरुत्थान हेतु आप प्रयत्नशील रहते थे तथा इसके लिए सायंकाल पूरे शहर में सतत् जीवित सम्पर्क रखते थे। ___ आपके पुत्र श्री रमेशकान्त जैन कार्यपालन मंत्री के रूप में शासकीय सेवारत् हैं। श्री महेशकान्त जैन अपने मुद्रण व्यवसाय में कार्यरत हैं। श्री रमेशकान्त और महेशकान्त को परिवार की समाज सेवा की परम्पराओं को आगे बढ़ाने के लिए उनसे सक्रियता की अपेक्षा है। 'काका इन्दौरी' के नाम से आपकी शेरो-शायरी के लिए इन्दौर का बच्चा-बच्चा इन्हें जानता था। 86 वर्ष की अवस्था में आपका देवलोक गमन हुआ। स्व. श्री कान्तिस्वरूप जैन, इन्दौर समाज के मौन और लगनशील कार्यकर्ताओं में आपका नाम आदर से लिया जाता है। आपके हृदय में समाज सेवा की अखण्ड ज्योति प्रतिक्षण प्रज्जवलित रहती थी। आपका जन्म सन् 1916 में एटा (उ.प्र.) में हुआ था। स्व. श्री बाबूराम जैन के सुपुत्र थे। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा एटा में ही हुई। मैट्रिक मोक्षशास्त्र, जैन सिद्धान्त प्रवेशिका आदि की शिक्षा प्राप्त कर आपने कर्मक्षेत्र इन्दौर चुना तथा लगन से कार्य कर सफलता प्राप्त की। साहित्य में रुचि होने से आपने पुस्तक लेखन, प्रकाशन एवं मुद्रण व्यवसाय में प्रवेश किया। इस दिशा में आपने साहित्य के साथ-साथ यश भी प्राप्त किया। मध्य प्रदेश के प्रमुख शहर इन्दौर में आपने ख्याति नाम ‘स्वरूप ब्रदर्स' तथा 'जय मुद्रण एवं प्रकाशन' की स्थापना की। भोपाल पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास 318
SR No.010135
Book TitlePadmavati Purval Digambar Jain Jati ka Udbhav aur Vikas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjit Jain
PublisherPragatishil Padmavati Purval Digambar Jain Sangathan Panjikrut
Publication Year2005
Total Pages449
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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