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________________ एकाउंटेट कम्पनी सैक्रेटरी हैं और तृतीय पुत्र अकलंक प्रकाश जैन पुश्तैनी पारिवारिक सर्राफा व्यवसाय एटा में कर रहे हैं सम्पूर्ण परिवार अपने पूर्वजों की आस्था क्रम में जैन समाज व जिन मंदिरों की पूजा अर्चना व दान आदि में समर्पित हैं। स्व. डॉ. श्री यतीन्द्रकुमार जैन शास्त्री डॉ. यतीन्द्र कुमार जैन शास्त्री का जन्म इन्दौर के धर्मनिष्ठ स्व. श्री कुंज बिहारी लाल शास्त्री के घर में हुआ था। आप बचपन से ही कुशाग्न बुद्धि, और तेजस्वी थे। आप प्रसिद्ध वक्ता, क्रियाकाण्ड विशेषज्ञ, तत्ववेत्ता, सफल चिकित्सक यंत्र, मंत्र तथा तंत्र शास्त्र एवं ज्योतिष शास्त्र के विशेषज्ञ तथा प्रकाण्ड विद्वान थे। आपने भारतवर्ष के अनेक महाविद्यालयों, औषधालयों आदि में अपनी अमूल्य सेवाएं अर्पित कर पर्याप्त कीर्ति अर्जित की। आपने शुद्ध शास्त्रोक्त रीति से अनेकानेक स्थानों पर पंच-कल्याणक एवं वेदी प्रतिष्ठाएं आदि संपन्न करायीं। आपने धार्मिक कार्यों के सम्पादन में विभिन्न स्थानों से समाज द्वारा सम्मान प्राप्त किया। भारतीय ज्ञानपीठ दिल्ली एवं आचार्य श्री शान्ति सागर स्मारक ट्रस्ट त्रिमूर्ति (नेशनल पाक) बोरीवली, बम्बई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 'जैन विद्या उपलब्धियां और सम्भावनाएं जैन विद्वत् संगोष्ठी बम्बई द्वारा आयोजित सिम्बर 1982 में आपका 'जैन मन्त्र तन्त्र एवं ज्योतिषि शास्त्र' पर वैज्ञानिक एवं तथ्य परक व्याख्यान हुआ। जो काफी चर्चित व विद्त जनों द्वारा सराहा गया। तद्उपरान्त आपका जैन समाज के परम अग्रणीय एवं अनुकरणीय लब्ध प्रतिष्ठित साहू श्री श्रेयांस प्रसाद जैन द्वारा सम्मान गोष्ठी में आपका सम्मान किया गया। आपकी लेखनी जितनी सशक्त एवं प्रौढ़ थी तदनुसार भाषण और धार्मिक क्रिया शैली भी उतनी ही प्रभावक थी। आप धार्मिक विद्वान, पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास 318
SR No.010135
Book TitlePadmavati Purval Digambar Jain Jati ka Udbhav aur Vikas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjit Jain
PublisherPragatishil Padmavati Purval Digambar Jain Sangathan Panjikrut
Publication Year2005
Total Pages449
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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