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________________ 2 इतिहास क्यों ? इतिहास विषय ही ऐसा है जिस पर खोज चलती रहती है। इसके विद्वान अपनी खोजों द्वारा उसे सम्बर्धित एवं परिवर्तित करते रहते हैं तथा उन पर विचार-विमर्श करके उन्हें ग्राह्य और अग्राह्य करते हैं । किसी देश एवं समाज को जानने के लिए उसके इतिहास को जानना आवश्यक है। क्योंकि इतिहास उस शीशे के समान है जिसमें किसी के अतीत को झांककर देखा जा सकता है। वर्तमान को सावधान किया जा सकता है। भविष्य में सुखद जीवन-यापन के लिए परिवर्तन, परिवर्द्धन किया जा सकता है । जिस समाज या जाति का कोई इतिहास नहीं वह निष्प्राण समझा/समझी जाति है। इतिहास एक ओर बलिदान, त्याग एवं उत्सर्ग की कहानी कहता है तो दूसरी ओर वह संस्कृति, साहित्य एवं पुरातत्व का बोध भी कराता है। महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा देने वाला इतिहास ही तो है । इसलिए इतिहास का लिपिबद्ध होना प्रत्येक देश, समाज एवं जाति के लिए उतना ही आवश्यक है जितना अस्तित्व को बनाये रखने के लिए अन्य साधनों की आवश्यकता होती है 1 सामाजिक इतिहास के प्रति हम सदैव उदासीन बने रहते हैं और उसे लिपिबद्ध करने का प्रयास नहीं करते। हमारी विशाल सांस्कृतिक धरोहर है। मूर्तिलेख, शिलालेख, प्रतिष्ठित प्रतिमाएं, पट्टावलियां एवं प्रशस्तियां, विशाल जीते-जागते मंदिर, सामाजिक परम्पराएं और इनमें सबसे अधिक पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास 10
SR No.010135
Book TitlePadmavati Purval Digambar Jain Jati ka Udbhav aur Vikas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjit Jain
PublisherPragatishil Padmavati Purval Digambar Jain Sangathan Panjikrut
Publication Year2005
Total Pages449
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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