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________________ और बेल के सहारे जीवन व्यतीत कर रहे थे कि एक झटका अप्रैल 2004 में और लगा जब उनके पोते गौरव जैन पुत्र स्व. श्री नवीन जैन का एक रेल दुर्घटना में 20 वर्ष की उम्र में स्वर्गवास हो गया । हकीम प्रेमचन्द जैन राजनीति के क्षेत्र में प्रारम्भ से ही समाजवादी विचारधारा के अनुयायी उर्दू शेरों-शायरी के अनन्य प्रेमी, अद्भुत जीवन के धनी हकीम प्रेमचन्द्र जैन एक जिंदा दिल इंसान थे जिनका फिरोजाबाद के नागरिक जीवन में एक विशिष्ट स्थान था । आपकी उपस्थिति किसी भी सभा सम्मेलन में एक नया जोश ताजगी और रौनक पैदा कर देती थी । कोटला रियासत के मूल निवासी हकीम बाबूराय जैन के सुपुत्र श्री प्रेमचन्द्र जैन ने समाज सेवा की भावना अपने पिताजी से उत्तराधिकार से प्राप्त की। उनके समान वे भी स्थानीय नगर पालिका के सभासद् तथा जैन समाज की विभिन्न संस्थाओं के प्रथम पंक्ति के नेता रहे। समाजवादी एवं प्रजा समाजवादी पार्टी के स्थानीय, जिला एवं प्रदेशीय संगठन के सदस्य तथा उत्तरदायित्वपूर्ण पदों को शुभोभित करते रहे। अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व भू. पू. प्रधानमंत्री श्री चन्द्र शेखर, भू. पू. रेल मंत्री मधु दंडवते, मधुलिमये, त्रिलोकी सिंह, ब्रज राज सिंह आदि से उनके व्यक्तिगत सम्बन्ध थे और फिरोजाबाद पधारने पर ये सब उन्हें के निवास पर टिकते थे । श्री पी. डी. जैन इण्टर कालेज प्रबंध समिति के अध्यक्ष तथा प्रबंधक पदों पर काफी लम्बी अवधि तक आरूढ़ रहे । श्री दि. जैन पद्मावती पुरवाल पंचायत एवं श्री पद्मावती पुरवाल फण्ड कमेटी के अध्यक्ष रहे। मुंशी बंशीधर जैन धर्मशाला ट्रस्ट के भी वे अध्यक्ष थे । हिन्दू-मुस्लिम एकता के कट्टर समर्थक थे तथा दोनों ही वर्ग के लोगों में आपका बड़ा सम्मान था । आप एक सफल और योग्य संगठनकर्त्ता थे। जरूरतमन्द लोगों की पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास 161
SR No.010135
Book TitlePadmavati Purval Digambar Jain Jati ka Udbhav aur Vikas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjit Jain
PublisherPragatishil Padmavati Purval Digambar Jain Sangathan Panjikrut
Publication Year2005
Total Pages449
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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