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________________ श्री रामस्वरूप जैन भारतीय .; स्व. भारतीय जी पद्मावती पुरवाल समाज के प्रसिद्ध समाज सेवी और राष्ट्रभक्त थे। आपके बचपन से ही अपनी प्रतिभा का परिचय दिया था। जब आप चतुर्थ श्रेणी के विद्यार्थी थे, उस समय श्री रघुवरदयाल जी भट्ट के साथ कानपुर जाते समय एक निन्दनीय घटना घटी। उसकी जानकारी आपने प्रताप में भेजी थी। जिसे स्व. गणेश शंकर विद्यार्थी ने अपनी टिप्पणी के साथ प्रकाशित किया था। आपका पूरा जीवन पत्रकार के रूप में रहा। सामाजिक पत्रों में 'पद्मावती संदेश' लखनऊ महासभा समाचार, अग्रवाल हितैषी तथा देवेन्द्र का संपादन किया एवं वीर-भारत, ग्राम्य जीवन साप्ताहिक नवभारत, जैन मार्तण्ड, महावीर, राष्ट्रीय पत्रों का सम्पादन किया। आप प्रसिद्ध वक्ता व लेखक रहे। सन् 1942 में 3 माह आगरा सेन्ट्रल जेल में नजरबन्द रहे। अपने क्षेत्र के राजनैतिक कार्यों में आपका विशेष योगदान रहा। आज का पी.डी. जैन इण्टर कालिज प्रारम्भ में जारखी ग्राम में ही स्थापित हुआ था। जब उसका संचालन भारतीय जी द्वारा ही होता था। जैन समाज के वुद्धिजीवियों में अग्रगण्य स्थान था। लेखक, पत्रकार और राष्ट्रीय कार्यकर्ता के रूप में दूर-दूर तक प्रसिद्ध थे। श्री राजेन्द्रकुमार, अवागढ़ आप कांग्रेस के कर्मठ कार्यकर्ता सन् 1937 से रहे हैं। बीस वर्ष से ब्लाक कमेटी के मंत्री हैं। जिला कांग्रेस कमेटी, जिला अपराध निरोधक समिति, भारत सेवक समाज आदि के सदस्य रहे हैं। स्थानीय कई शिक्षा संस्थाओं के सदस्य हैं। रचनात्मक कार्यों में आपका बराबर योगदान रहता 155 पद्यावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
SR No.010135
Book TitlePadmavati Purval Digambar Jain Jati ka Udbhav aur Vikas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjit Jain
PublisherPragatishil Padmavati Purval Digambar Jain Sangathan Panjikrut
Publication Year2005
Total Pages449
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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