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________________ डा. मदनलालजी इसौली (एटा) . एटा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में डा. मदनलाल जी का भारी प्रभाव है। आप प्रारम्भिक जीवन से राष्ट्रीय विचारों के रहे और मंडल कांग्रेस कमेटी के सदस्य रहे। अपने क्षेत्र के विकास और निर्माण में भरपूर योगदान दिया और देते रहे हैं। जलेसर के एम.जी.एम. कालिज के उपाध्यक्ष रहते हुए कालिज के विकास में विशेष प्रयत्नशील रहे। 29 अक्टूबर 1999 को आपका देहावसान हो गया। स्व. पंडित मनोहरलालजी शास्त्री आपका जन्म पाढम (मैनपुरी) में हुआ। परन्तु कार्यक्षेत्र झालरापाटन रहा। गोम्मटसार कर्मकाण्ड जैसे महान ग्रन्थों की हिन्दी टीका आपने की, समयसार आदि उच्च आध्यात्मिक ग्रन्थों का सम्पादन किया। अल्प वय में ही आप स्वर्गवासी हो गये। मंत्र शास्त्र के आप वेत्ता थे। श्री महावीरप्रसाद जैन सर्राफ, देहली दिल्ली के समाज सेवी श्री महावीर प्रसाद जैन सर्राफ का सामाजिक जीवन बहुत व्यापक और सक्रिय रहा है। इनका सेवा क्षेत्र किसी एक दिशा में बंधकर नहीं रहा। शिक्षा क्षेत्र से लेकर धार्मिक, सामाजिक एवं राष्ट्रसेवा के प्रशसनीय प्रमाण उपलब्ध हैं। आप रचनात्मक एवं संगठनात्मक सेवाओं के कारण जैनों के ही नहीं अजैनों के भी अपने थे। आप अपनी सम्प्रदाय रहित निःस्वार्थ सेवा के कारण ही सन् 1937 से कांग्रेस कमेटी सुईवालान मण्डल, दिल्ली के सैक्रेटरी और अध्यक्ष जैसे सम्मानीय पदों पर रह चुके हैं। आपने इन पदों पर रहकर जो सेवा की है, वह सदैव स्मरणीय रहेगी। पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास 118
SR No.010135
Book TitlePadmavati Purval Digambar Jain Jati ka Udbhav aur Vikas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjit Jain
PublisherPragatishil Padmavati Purval Digambar Jain Sangathan Panjikrut
Publication Year2005
Total Pages449
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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