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________________ 52 महामन्त्र णमोकार एक वैज्ञानिक अन्वेषण अर्ह शब्द को भी राम शब्द के समान मातृका शक्ति के द्वारा समझा जा सकता है । जब हम अर्ह शब्द का उच्चारण करते है तो इस शब्द से पूज्य अरिहन्त भगवान का बोध होता है। उनकी मूर्ति सामन आने लगती है । अर्ह के उच्चारण से अरिहन्त परमेष्ठी के रूप-बोध के साथ हमारे आन्तरिक जगत् मे भी परिवर्तन होने लगते हैं । अर्ह के उच्चारण में हम अ + र् + ह् + अ + म् का उच्चारण करते है । 'अ' का उच्चारण' कण्ठ से होता है, वह जीव का स्थान माना गया है । 'र' का उच्चारण स्थान मूर्धा है और वह परम तत्त्व का स्थान माना गया है । 'ह्' का उच्चारण स्थान कण्ठ है, परन्तु जब 'ह' 'र' से जुडकर उच्चरित होता है तो उसका स्थान मूर्धा हो जाता है । मूर्वा परम तत्त्व का स्थान है । अब अर्ह मे अन्तिम अक्षर विन्दु है । वह मकार का प्रतीक है। मकार का उच्चारण ओष्ठयुगल के योग से होता है। इसमे दोनो ओष्ठो के मिलन से ध्वनि भीतर ही गूंजने लगती है । शक्ति ऊपर की ओर अर्थात् सहस्रार की ओर उठने लगती है। इस प्रकार पूरे अर्ह शब्द का मातृका और व्याकरण सम्मत विश्लेषण के आधार पर अर्थ यह हुआ कि इसमे जीव का परमतत्त्व (अरिहन्त) से साक्षात्कार होता है और दूसरी अवस्था मे यह साक्षात्कार एकाकार मे बदलने लगता हैएकरूप होकर सहस्वार के माध्यम से ऊपर उठने लगता है ऊर्ध्वं गमन आत्मा के प्रमुख गुणो मे से एक है । अर्ह शब्द को एक दूसरे प्रकार से भी समझा जा सकता है । संस्कृत मे अह शब्द है । इसका 'अ' सृष्टि के आदि का बोधक है और 'ह' उसके अन्त का । अत 'अह' उस तत्त्व का बोधक है जिससे सृष्टि का आदि ओर अन्त पुन पुन. होता रहता है। जब इम अह मे अर्ह का 'र्' जुड जाता तो इसका रूप ही बदल जाता है । अह अर्ह बन जाता है । जैन धर्म ने साधना के लिए अर्ह शब्द का उपयोग किया है अर्ह मे 'र' अग्नि शक्ति, क्रियाशक्ति और सकल्प शक्ति का वोधक है। जब सकल्प शक्ति के कारण व्यक्ति मे सम्पूर्ण शक्ति जग जाती है तो स्वत उसके ससार चक्र का अन्त हो जाता है । उसका अह अर्ह बन जाता है । 1 " अकुटविसजनीयानाम् कष्ठ, " अष्टाध्यायी - पाणिनी 2 "डपू ध्यानीयानामोष्ठी" "1 12
SR No.010134
Book TitleNavkar Mahamantra Vaigyanik Anveshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Jain, Kusum Jain
PublisherKeladevi Sumtiprasad Trust
Publication Year1993
Total Pages165
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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