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________________ मातृका वर्ण सुर्ख लाल श्वेत आकार महिमा कलिकावत इच्छापूर्ति कुण्डलीवत कल्पवृक्ष कुण्डली रूप गुणवर्धक चतुष्कोणात्मक सर्वप्रद परम कुण्डली शत्रुनाशक राशि ग्रह तत्त्व विशेष तुला मगल वायु अग्नि उच्चारन बीजो का जनक " " भमि । जल मारण और मोहन बीजो का जनक आकाश फलदायक वृश्चिक Aloo | 248 | १ बम परम कुण्डली शान्तिप्रद मध्यकुण्डली नवसिद्धि कुण्डली कार्यसाधक परम कुण्डली स्म्तभक । वायु उच्चाटन वीज का जनक अग्नि भमि आधिव्याधि शमक जल श्रीबीजो का जनक आकाश मोहक बीजो का जनक लाल लाल पीत कुण्डली शत्रु शमन धन् अशुभ बीजो का जनक " विशिष्ट कार्य साधक " परम कुण्डली शान्ति विरोधी सुखदायक वायु विध्वसक कार्यों का साधक अग्नि शुभ कार्यों का नाशक भूमि अचेतन क्रिया साधक जल मारण प्रधान आकाश लाल पीत
SR No.010134
Book TitleNavkar Mahamantra Vaigyanik Anveshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Jain, Kusum Jain
PublisherKeladevi Sumtiprasad Trust
Publication Year1993
Total Pages165
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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