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________________ ऊपर लिखित तथ्यों पर यदि हम गम्भीरतापूर्वक विचार करें तो हम इसी निर्णय पर पहुचेंगे कि भगवान महावीर का सर्वज्ञ होना असम्भव नहीं है। क्या भगवान महावीर पलायनवादी थे ? कुछ तथाकथित आधुनिक विचारो के व्यक्ति भगवान महावीर को पलायनवादी कहते हैं । परन्तु यह उनका भ्रम है और सकुचित मनोवृत्ति का परिचायक है। भगवान महावीर को पलायनवादी बतलाते समय उनकी दृष्टि में आजकल के वे साधु होते हैं, जिनमे से अधिकाश ने अपने उत्तरदायित्वो से भागकर साधु का भेष धारण कर लिया है। परन्तु जब हम भगवान महावीर के जीवन पर दृष्टि डालते हैं तो हमको पता चलता है कि भगवान महावीर को न तो कोई कष्ट ही था और न उनके ऊपर ऐसा कोई उत्तरदायित्व ही था, जिससे घबराकर उन्होने घर छोड दिया हो। उनके जीवन मे भी ऐसा कोई अवसर नही आया जब वे अपने किसी उद्देश्य मे असफल रह गये हो, जिससे निराश होकर उन्होने गृह त्याग किया हो। इसके विपरीत भगवान महावीर राजपुत्र थे, उनके माता पिता भी जीवित थे, तत्कालीन ऐसी कौन सी सुख व सुविधा थी, जो उनको प्राप्त न थी अथवा उनके इगित पर उनको उपलब्ध न हो सकती थी ? घर छोडकर जाने के बाद भी भगवान महावीर ने अपना जीवन स्वच्छन्दता से व्यतीत नही किया और न ही वन के फल-फूल खाकर अपनी क्षुधा मिटाई, अपितु उनको जब कभी भी भोजन की आवश्यकता होती थी वे मनुष्यो की बस्ती मे आकर शुद्ध अन्न व जल ग्रहण करते थे। जब उन्होने सम्पूर्णज्ञान (केवल भान)
SR No.010132
Book TitleMahavir aur Unki Ahimsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Radio and Electric Mart
PublisherPrem Radio and Electric Mart
Publication Year1974
Total Pages179
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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