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________________ "जो व्यक्ति मांस, मछली और शराब का सेवन करते हैं उनका धर्म, कर्म, जप, तप, सब कुछ नष्ट हो जाते हैं।" --गुरु ग्रन्थ साहब "यदि जीवो का बध करने मे धर्म है तो हे भाई ! पाप किसे कहेगे? यदि जीव-बध करने वाला अपने आपको मुनि समझे तो कसाई किसे कहेंगे।" -कबीर वाणी ईसाई धर्म का उपदेश है"किसी प्राणी की हत्या मत करो।" -प्रभु को पाचवी माज्ञा "जब तुम्हारे पिता-प्रभु दयालु हैं तब उसकी सन्तान तुम भी दयावान बनो, अर्थात् किसी को मत सताओ।" -(सेण्ट ल्यूकस, न्यू टेस्टामेंट ३६-६) ___ "देखो मैने पृथ्वी पर सब प्रकार की जडी-बूटिया तथा उनके बीज दिये हैं और साथ मे तरह-तरह के फलों से लदे पेड-पौधे भी दिये हैं तथा उनके बीज भी उन सब शाकाहारी पदार्थों को खाओ, वे तुम्हारे लिए मास का काम देंगे।" -(Genesis -Chap 1-297) "तुम मेरे पास सदैव एक पवित्र आत्मा होओगे यदि तुम किसी का भी मास न खाओ।" पारसी धर्म मे भी पशु हिंसा का निषेध है "इस तरह जो कोई किसी पशु को मारेगा उसको परमात्मा स्वीकार नही करेगा। पैगम्बर एसफंदरमद ने कहा है-हे पवित्र मानव ! परमात्मा की यह आशा है कि पृथ्वी का मुख रुधिर, मैल व मास से पवित्र रक्खा जाये।" --(जरतुश्तनामाद्र-६५)
SR No.010132
Book TitleMahavir aur Unki Ahimsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Radio and Electric Mart
PublisherPrem Radio and Electric Mart
Publication Year1974
Total Pages179
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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