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________________ पाने के लिए सबसे प्रथम दृढ निश्चय की आवश्यकता है । जब तक हममे प्रबल इच्छा-शक्ति-दृढ़ निश्चय नही होगा, तब तक हम कुछ भी नही कर सकेगे। एक बार किसी भी बुरी आदत को छोड़ने का दृढ निश्चय करने के बाद हमे उस पर प्रत्येक दशा मे दृढ रहना चाहिए, चाहे हमारे मार्ग में कितनी भी रुकावटें व प्रलोभन क्यो न आयें । बुरी आदतो को छोडने का सबसे सरल उपाय यह है कि हमें कोई सीमा बाघ लेनी चाहिए। मान लिया कोई व्यक्ति एक दिन में लगभग बीस सिगरेट पीता है। वह सिगरेट पीना छोडना चाहता है । उसको यह निश्चय कर लेना चाहिए कि मैं आज पन्द्रह सिगरेट ही पीऊँगा । वह गिनकर पन्द्रह सिगरेट ही अपने पास रखे, न तो और खरीद कर पिये और न किसी अन्य व्यक्ति के देने पर ही पिये । जब भी उसका मन सिगरेट पीने को हो, वह तभी यह सोचे कि आज तो केवल पन्द्रह सिगरेट ही पोनी हैं, इसलिए थोडी देर बाद पिऊँगा । इसके बदले वह अपने मुंह मे सौंफ, इलायची, सुपारी, मीठी गोली आदि ऐसी ही कोई वस्तु डाल ले । ऐसा करने से वह दिन भर मे पन्द्रह के बजाय दस, बारह सिगरेट ही पी सकेगा । इसी प्रकार सीमा कम करते रहने से कुछ ही दिनो मे उसकी यह बुरी छूट 'जायेगी। इसी प्रकार यदि कोई व्यक्ति बाजार की बनी हुई चाट, पकोडी, मिठाई आदि छोडना चाहे तो उसके लिए भी यही प्रयोग किया जा सकता है । यदि कोई व्यक्ति अपने भोजन को नियमित व सीमित करना चाहे तो भी उसको इसी प्रयोग पर चलना चाहिए। इस प्रकार हृढ निश्चय करने से और इस प्रयोग पर चलने से व्यक्ति अपनी पुरानी से पुरानी बुरी आदतो को छोड़ सकता है । आदत १५५
SR No.010132
Book TitleMahavir aur Unki Ahimsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Radio and Electric Mart
PublisherPrem Radio and Electric Mart
Publication Year1974
Total Pages179
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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