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________________ मदरास व मैमूर प्रान्त। [३३३ १३-श्री महावीरस्वामीकी बैठे आसन मूर्ति छत्रादि सहित अनुमान ४ फुट ऊंची। चिगेलपेट जिलेके विल्लिवक्कम ग्रामसे. लाई गई। १४-श्री महावीरस्वामीकी बैटे आसन मूर्ति छत्रादि सहित ३। फुट अनुमान उत्तर अर्कट सकिरमल्लूर ग्रामसे लाई गई। १५-श्री पद्मप्रभकी बैठे आसन १७ इंच छत्रादि सहित । १६-श्री सुपार्श्वनाथकी बैटे आसन १७ इंच ,, १७-१ स्तम्भका ऊपरी भाग बहुत सुन्दर कारीगरी जो २० इंच x १५ इंच x १५ इंच है। चारों तरफ चमरेन्द्र सहित बेटे आमन तीर्थकर हैं। १५-एक बभा बहुत बढ़िया खुदाई एक तरफ है। यह अनुनान ६ फुट ऊंचा है। १९--एक खमा कलश सहित ७॥ फुट उंचा । इसके तीन तरफ कनहीके लेख है । चौथी तरफ तीन आले हैं। उपरके आलेमें श्रीमहावीरम्वामी छत्र चमर सहित है, मध्यमें एक स्त्रीकी मृति है,जो नमस्कार कर रही है। सबसे नीचे एक घोडेपर सवार एक गजा खुदे हैं। २०-श्री सुपार्श्वनाथकी मूर्ति ३। फूट-नीचे जैनाचार्य.. और उनके शिष्यकी मूर्तियां हैं। २१-श्री महावीरस्वामीकी मूर्ति, नीचे एक स्त्री नमस्कार कर रही है । २||| फुट। २२-श्री महावीरम्वामी २|| फुट, नीचे एक पुरुष और एक स्त्री पूना कर रहे हैं।
SR No.010131
Book TitleMadras aur Maisur Prant ke Prachin Jain Smarak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kishandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages373
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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