SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 173
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (२९), , २ (३२)", ६५ मदरास व मैसूर प्रान्त। [१३९ (२५)नं०सी ५८ मूडबिद्रीमें जैनसाधुओंके समाधिस्थानोंका समूह (२६) ,, ,, ५९ बड़ा जैन साधुका समाधिस्थान (२७),, दो जैन व्यापारियोंका समाधिस्थान (२८),, ,, ६१ , जैन समाधिस्थानके पास स्मारक पाषाण छोटे चंद्रनाथ मंदिरका साधारण दृश्य (३०), , ६३ , , ,, का दक्षिण पूर्व भाग (३१) ,, ,, ६४ ,, के सामनेके मानस्तंभका गुम्बन में नंदी तीर्थंकर (३३) ,, ,, ६६ में पंच परमेष्ठी (३४) ,, , ६७ , , में श्रतस्कंध (३५),,, ६८ ,, में जैन मंदिरका स्मारक पाषाण (३६),, , ६९ कारकलमें नेमीश्वर जैन मंदिरके सामनेका मान स्तंभका पूर्वीय भाग (३७),, ,, ७० , , , के मानस्तंभका भाग (३८) ,, ,, ७१-कारकलमें चतुर्मुख नै० म० दक्षिण पश्चिम भाग (३९) ,, ,, ७२ ,, गोमटेश्वर मूर्तिके सामने मानस्तंभ द.प.,, (४०) ,, ,, ७३ , , मूर्तिका सामनेका भाग (४१) ,, ,, ७४ , , , उत्तर पश्चिम भाग ७५ ,, , , के छातीके उपरका भाग (४३), __एनरके गोमटेश्वरकी मूर्तिका साधारण दृश्य (४४) ,, , , सामनेका भाग (४५) ,, , ७८ ,, उत्तर पूर्व भाग. (४६), बगळका भाग
SR No.010131
Book TitleMadras aur Maisur Prant ke Prachin Jain Smarak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kishandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages373
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy