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________________ 316 47. कवि वल्हया वृधिराज-प्रनेकान्त वर्ष 16 कि. 6, फर. 1964 परमानन्द शास्त्री 48. हिन्दी के मलभ्य ग्रन्थों की खोज-अनेकान्त वर्ष 16 कि. 6, कर. 64 डॉ. कस्तूरचन्द कासलीवाल 49. कविवर देवीदास-परमानन्द शास्त्री-अनेकान्त वर्ष 11, कि. 7-8 सितम्बर अक्टू. 52 50. माली रासो (जिनदासका)-अनेकान्त वर्ष 23, कि. 2. जून, 1970 परमानन्द शास्त्री 51. हिन्दी भाषा के कुछ अप्रकाशित ग्रन्थ-अनेकान्त वर्ष 23 कि. 2, जून पन्नालाल अग्रवाल 1970 52. सूरदास और हिन्दी का जैन पद काव्य-अनेकान्त वर्ष 19, कि. 2, डॉ. प्रेमसागर जैन प्रग. 1966 53. अग्रवालों का जैन संस्कृति में योगदान-अनेकांत वर्ष 20 कि. 4, परमानन्द शास्त्री भक्टू. 1967 54. हिन्दी के जैन कवि और काव्य-अनेकान्त वर्ष 19, कि. 6, 1967 55. भट्टारक विजयक्रीति -अनेकान्त वर्ष 17, कि. 2, जून 1964 डॉ. कस्तूरचन्द कासलीवाल 56. दिगम्बर कवियों के रचित -अनेकांत वर्ष 17, कि. 2, जून 1964 वेलि साहित्य-अमरचद नाहटा 57. प्रद्युम्न चरित्र का रचनाकाल व-अनेकांत वर्ष 14 ,कि. 6, जून 1957 रचयिता-अगरचंद नाहटा 58. पुराने साहित्य की खोज-अनेकांत वर्ष 14, कि. 6, जून, 1957 29. हिन्दी के नये साहित्य की खोज-अनेकांत वर्ष 14, कि. 12, जुलाई डॉ. कस्तूरचंव कासलीवाल 1957 69. शान्तिनाथ फागु (भ. सकलकीति-अनेकान्त वर्ष 19. कि. 4, प्रदू. कुन्दनलाल जैन 1966 61. समयसार के टीकाकार -अनेकान्त वर्ष 12, कि. 7, दिसं. 1953 रूपचन्द जी-प्रगरचन्द नाहटा 62. पं. शिरोमणिदास विरचित धर्मसार-अनेकान्त वर्ष 22, कि. 1, मल डॉ. भागचन्न जन भाकर 1968 63. जैन काव्य में विरहानुभूति भनेकान्त वर्ष 22, कि. 1, अप्रैल, 1969 डॉ. गंगाराम गर्म
SR No.010130
Book TitleMadhyakalin Hindi Jain Sahitya me Rahasya Bhavna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpalata Jain
PublisherSanmati Vidyapith Nagpur
Publication Year1984
Total Pages346
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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