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श्रीपरमात्मने नम
REPunmandu
श्रुतावतारकथा
श्रुनस्कन्धविधानादि.
जिसको चावली (आगग) निवासी
लालाराम जैनन मंग्रह करके अनुवादित व मंशोधन किया ।
मुम्बयीस्थ-जैनहि लैपी कार्यालयने 'पार्वतीवरदा प्रपमें छपाकर
प्रकाशित किया.
वीनिर्माण संवन २४३४. ईस्वी सन् १९०८. मबार २१०० प्रति ) नं. ४. (मृन्य ३ आने