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________________ श्री वीतरागाय नमः जैन- विवाह - विधि मङ्गलाचरण स्वस्ति श्रीकारकं नत्वा वर्द्धमानं जिनेश्वरं । गौतमादिगणाधीशान् वाग्देवीं च विशेषतः ॥ १॥ विवाहस्य विधिं वच्ये जैनशास्त्रानुगामिनीं । गृहिधर्मानुरोधेन संक्षेपेण हितां सतां ||२|| १ लग्न विधि लग्न वाले दिन वर और कन्या दोनों को अपने २ मकान पर निम्न प्रकार मिद्धयन्त्र की स्थापना कर इष्ट देव की स्तुति और पूजा करनी चाहिये । सिद्धयन्त्र स्थापना निम्न मन्त्र पढ़कर सिद्धयन्त्र की स्थापना करें । ॐ नमः सिद्धेभ्यः, ॐ नमः सिद्धेभ्यः, ॐ नमः सिद्धेभ्यः । ॐ जय जय जय, रामोऽस्तु, रामोऽस्तु, रामोऽस्तु । णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आइरियाणं, णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्वसाहूणं । ॐ ह्रीं अनादिमूलमन्त्राय नमः ।
SR No.010126
Book TitleJain Viaha Vidhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSumerchand Jain
PublisherSumerchand Jain
Publication Year
Total Pages47
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual, & Vidhi
File Size2 MB
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