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________________ ( 20 ) प्र० १५६-वस्तु किसको कहते है ? उत्तर-गुणो के समूह को वस्तु कहते है। प्र० १६०-सौ राजकुमारो को घुडसवारो ने क्या समाचार दिए ? उत्तर-सौ राजकुमारो को घुडसवारो ने समाचार दिया कि हस्तिनापुर के राजा जयकुमार ने ऋपभदेव प्रभु के पास दीक्षा ले ली है । और वे भगवान के गणधर हुए हे पहिले वे भरत चक्रवर्ती के सेनापति थे। वैराग्य होने पर अपने मात्र छह साल के कुवर को गजतिलक करके वे मुनि हो गये । चक्रवर्ती का प्रधान पद छोडकर अब वे तीर्थकर भगवान के प्रधान बन गये। प्र० १६१-ऋषभ देव का दूसरा नाम क्या था इनके अलावा और कौन-कौनसे तीर्थकरो के एक से अधिक नाम है ? उत्तर-भगवान ऋषभ देव का दूसरा नाम आदिनाथ है इनके अलावा नवे पुष्प दन्त का सुविधि नाथ तथा चौबीसवे तीर्यकर के ५ नाम है-१ वीर २ अतिवीर ३ महावीर ४ सन्मति ५ वर्द्धमान । प्र० १६२-जीव ससार मे क्यो भटकता है ? उत्तर-जीव-अजीव की पहिचान के बिना जीव संसार मे भटकता है। प्र० १६३-जीव-अजीव की पहिचान से क्या होता है ? उत्तर-जीव-अजीव की पहिचान से ससार भ्रमण का दुख मिटता है और मोक्ष सुख मिलता है। प्र० १६४-घुडसवार के पास से जयकुमार की दीक्षा के समाचार सुनकर राजकुमारो ने क्या किया ? उत्तर-घुडसवार के मुह से जयकुमार की दीक्षा के समाचार सुनते ही सब राजकुमारो को आश्चर्य हुआ और मन मे भी समार से वैराग्य हो गया । अहो । उनका जीवन धन्य है ऐसा कहकर उनके
SR No.010123
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages319
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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