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________________ ( 14 ) प्र० ११६ - एक माता के तीन पुन थे उनके नाम क्या है उतर - एक माना के तीन पुत्र में उनके नाम - मंगल कुमार, उत्तम कुमार, शरणकुमार 2 प्र० ११६-चार मगत है ये फोन है उतर दिन भगवान सिंह भगवान, सावन धर्म ये भगत है। प्र० १२०- नोक मे उत्तम नार वस्तु फोन गी है उनम दिन भगवन गए भगवान गाएव धर्म ये ना उनम है। प्र० १२१- जीव को कौन है ? उत्तर-जीप की धरणार (१) अनि भगवान (२) मिल भगवान (३) गाए (४) लक्ष्य धर्म | प० १२२ - जीव क्या करे तो मंगल होता है ? उत्तर-जीव नाम कान और जीन करें तो मन होना है। प्र० १२३ - वनारि मंगल का पाठ बोनो ? उत्तर- चत्तानि मगन, अमिता मग मित्रा मंगल, या मगल केवटी पणनो धम्मो मगलम् । नतारि गोगुत्तमा, अहिना लोगुनमा मित्तमा सा चोगुनमा, केवनि पण्णत्तो धम्मो नोगुत्तमो । चनारि गरण पव्वज्जामि, अन्हते सण पव्वज्जामि, विसरण पव्वज्जामि, माहू नग्ण पव्वज्जामि, केवलि पण्णत्त पव्वज्जामि | प्र० १२४ - तीर्थंकर फिसको कहते है ? धम्म राण उत्तर- वीनराग सर्वत्र होकर जो धर्म तीर्थ का उपदेश देते हैं, समवशरण आदि विभूति से रहित होते है और जिनको तीर्थकर
SR No.010123
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages319
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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