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________________ प्र० ८१-इस समय महावीर भगवान अरहंत है या सिद्ध ? उत्तर-इस समय महावीर भगवान सिद्ध है। प्र० ८२-महावीर भगवान इस समय कहाँ रहते होगे ? उत्तर-इस समय महावीर भगवान मोक्ष मे रहते है । प्र० ८३-सवेरे जल्दी उठकर तुम क्या करोगे? उत्तर-सवेरे जल्दी उठकर हम आत्मा का विचार करेगे। प्र० ८४-अपने को प्रतिदिन क्या-क्या करना चाहिए? उत्तर-आत्मा का विचार करना, प्रभु का स्मरण करना और नमस्कार मत्र बोलना, फिर स्वच्छ वस्त्र पहिन कर जिन मदिर मे जाना। जिन मदिर जाकर भगवान के दर्शन करना। इसके बाद शास्त्र जी को वदन करना और उनका पठन करना, फिर गुरू जी के दर्शन करना उनका उपदेश सुनना और सुनकर विचार करना। इतना प्रतिदिन अपने को करना चाहिए। प्र० ८५-एक माता अपने बालक को अच्छी शिक्षायें देती है, उसमे सबसे पहिले क्या कहती है ? उत्तर-आत्मदेव को कभी न भूलना। प्र०८६-क्या अपने को रात्रि भोजन करना चाहिए ? उत्तर-अपने को रात्रि भोजन नही करना चाहिए। प्र० ८७-तुम प्रतिदिन क्या करोगे? उत्तर-आत्मा का विचार, प्रभु का स्मरण, नमोकार मत्र का बोलना, स्वच्छ वस्त्र पहिन कर जिन मदिर जाना, जिन मदिर जाकर भगवान के दर्शन करना, शास्त्र जी को वदन करना, उनका पठन करना, गुरु के दर्शन करना, उनका उपदेश सुनना, सुनकर विचार करना और शात व सतोषी रहना, इतना कार्य हम प्रतिदिन करेंगे।
SR No.010123
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages319
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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