SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 233
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( 223 ) प्रश्न १७१-निक्षेपो का स्वरूप बताओ? उत्तर-गुणो के आक्षेप को निक्षेप कहते हैं। इसके चार भेद है। नाम स्थापना, द्रव्य और भाव / अतद्गुण वस्तु मे व्यवहार चलाने के लिये जो नाम रक्खा जाता है वह नाम निक्षेप है। जैसे किसी व्यक्ति मे जिनके गुण नहीं है पर उसका नाम जिन रक्खना / उसी के आकार वाली वस्तु मे यह वही है ऐसी बुद्धि का होना स्थापना निक्षेप है जैसे प्रतिमा। वर्तमान मे वैमा न हो किन्तु भावि मे नियम मे वैसा होने वाले को द्रव्य निक्षेप कहते है जैसे गर्भ जन्म मे ही भगवान को जिन कहना / जिस शब्द से कहा जाय, उसी पर्याय मे होने वाली वस्तु को भाव निक्षेप कहते हैं जैसे साक्षात् केवली को जिन कहना। नय प्रमाण प्रयोग पद्धति प्रश्न १७२-द्रव्य गुण पर्याय पर पर्यायायिक नय का प्रयोग करके दिखाओ? उत्तर-द्रव्य, गुण पर्याय वाला है अर्थात् जो द्रव्य को भेद रूप कहे जैसे गुण है / पर्याय है / और उनका समूह द्रव्य है। उस द्रव्य मे जो द्रव्य है वह गुण नही है, जो गुण है वह द्रव्य नही है, पर्याय भी द्रव्य गुण नही है / यह पर्यायाथिक नय का कहना है / (747 दूसरी पक्ति, 746) प्रश्न १७३-द्रव्य गुण पर्याय पर कुछ द्रव्यार्थिक नय का प्रयोग करो? उत्तर-तत्त्व अनिर्वचनीय है अर्थात् जो द्रव्य है वही गुण पर्याय है / जो गुण पर्याय है वही द्रव्य है क्योकि पदार्थ अखण्ड है। यह शुद्ध द्रव्याथिक नय का कहना है। (747 प्र० पक्ति, 750 प्र० 50) प्रश्न १७४-द्रव्य गुण पर्याय पर प्रमाण का प्रयोग करो? उत्तर-जो अनिर्वचनीय है, वही गुण पर्याय वाला है, दूसरा नही है अथवा जो गुण पर्याय वाला है वही अनिर्वचनीय है इस प्रकार जो
SR No.010119
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages289
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy