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________________ ( १७६ ) का व्यय और स्वयं कायम, इन तीनों में कितना समय लगता है ? उत्तर - मिथ्यात्व का प्रभाव, सम्यक्त्त्व की उत्पत्ति और श्रद्धा गुण कायम यह एक समय में ही होता है ऐसा ही प्रत्येक गुण मे अनादिअनन्त होता है। ऐसा वस्तु स्वभाव है। प्रश्न (३०७)-उत्पाद व्यय ध्रौव्य का एक ही समय है या भिन्न भिन्न समय है ? उत्तर-तीनों एक ही समय में एक साथ ही बर्तते है। प्रश्न ३०८)-प्रज्ञान दूर होकर सच्चा ज्ञान होने में कितना काल लगता है ? उत्तर एक समय ही लगता है मिथ्याज्ञान का अभाव, सम्यग्ज्ञान का उत्पाद और ज्ञान गुण कायम । प्रश्न ३०६)-अनादिअनन्त कौन है ? उत्तर-प्रत्येक द्रव्य और उनके गुण अनादि अनन्त होते है। प्रश्न (३१०।-प्रत्येक द्रव्य और गुण अना दिग्रनन्त हे इसको जानने से क्या नुकमान और लाभ है ? उत्तर-१) पर द्रव्य और उनके गुण अनादिअनन्त है उनका प्राश्रय माने तो चारो गतियों में घूमकर निगोद की प्राप्ति होती है। (२) अपना द्रव्य और गुण अनादिअनन्त है उसका आश्रय ले तो मोक्ष की प्राप्ति होती है। प्रश्न (३११)-सादिअनन्त कौन है ? उत्तर-सायिक पर्याय सादि अनन्त है। प्रश्न ३१२ -पर्याय तो कोई भी हो एक समय मात्र की होती है। आपने क्षायिक पर्याय को "सादिअनन्त' क्यो कहा?
SR No.010118
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages211
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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