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________________ (११८) प्रश्न (७५) - प्रदेशत्व गुण किसे कहते है ? उत्तर - जिस शक्ति के कारण द्रव्य का कोई न कोई आकार अवश्य हो उसे प्रदेशत्व गुण कहते हैं । प्रश्न ( ७६ ) - प्रदेशत्व गुण को जानने से थोड़े में क्या क्या लाभ है ? उत्तर- (१) कोई भी वस्तु आकार के बिना नहीं होती है । (२) छोटा बडा प्रकार सुख दुख का कारण नही हैं। (३) निमित्त उपादान में नहीं घुस सकता क्योंकि दोनों का आकार पृथक पृथक है । (४) एक वस्तु का आकार दूसरी वस्तु मे नहीं घुस सकता है क्योंकि दोनों का स्वचतुष्टय भिन्न भिन्न है । (५) सिद्ध भगवान साकार निराकार दोनों हैं, उसी प्रकार प्रत्येक आत्मा साकार निराकार है ऐसा प्रदेशत्व गुण से पता चल जाता है । (६) दस प्रकार का आकार है उसमें से 8 प्रकार के आकार का आश्रय ले तो चारों गतियों में घूमकर निगोद में चला जाता है । अपने आकार का श्राश्रय ले तो धर्म की शुरुआत होकर क्रम से निर्वाण की प्राप्ति होती है । प्रदेशत्व गुण का विस्तार जैन सिद्धान्त प्रवेश रत्न माला प्रथम भाग में देखो । प्रश्न ( ७७ ) - जीव द्रव्य के विशेष गुण कितने हैं ? उत्तर - जीव के विशेष गुण भी अनेक हैं परन्तु मुख्य ज्ञान, दर्शन, चारित्र, सुख, क्रियावती शक्ति, वैभाविक शकि इत्यादि है ।
SR No.010118
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages211
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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