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________________ ( ७१ ) उपादान-उपादेय दूसरा अधिकार प्रश्न १-कारण किसे कहते हैं ? उत्तर–कार्य की उत्पादक सामग्री को कारण कहते है। प्रश्न २-उत्पादक सामग्री के कितने भेद हैं ? उत्तर-दो भेद हैं-उपादान और निमित्त । प्रश्न ३-उपादान के सामने क्या है ? उत्तर-उपादान के सामने निमित्त है। प्रश्न ४-निज शक्ति के सामने क्या है ? उत्तर-निजशक्ति के सामने परयोग है। प्रश्न ५-निश्चय के सामने क्या है? उत्तर-निश्चय के सामने व्यवहार है। प्रश्न ६-उपादान कारण कितने प्रकार के हैं ? उत्तर- तीन प्रकार के हैं । (१) त्रिकाली उपादान कारण, (२) अनन्तर पूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक उपादान कारण, (३) उस समय पर्याय को योग्यता क्षणिक उपादान कारण। प्रश्न ७–त्रिकालो उपादान कारण किसे कहते हैं ? उत्तर-जो द्रव्य स्वय कार्य रूप परिणमित हो उसे उपादान कारण कहते हैं। जैसे कि-घडे की उत्पत्ति मे मिट्टी उसका त्रिकाली उपादान कारण है। प्रश्न ८-अनन्तर पूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक उपादान कारण किसे कहते हैं ? उत्तर-अनादिकाल से द्रव्य मे जो पर्यायो का प्रवाह चला आ रहा है उसमे अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक उपादान कारण और अनन्तर उत्तर क्षणवर्ती पर्याय कार्य है। जैसे-मिट्टी का घडा होने मे मिट्टी का पिण्ड वह घडे की अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक
SR No.010117
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages253
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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