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________________ ( १३० ) से होती है । (३) हर पर्याय अपने जन्म-क्षण में हो उत्पन्न होती है । (४) जिस समय जिस पर्याय का उत्पाद होगा उसी समय वही ही होगी । (५) श्रमवद्ध पर्याय की सिद्धि आदि बानों का निर्णय योग्यता के मानने से होता है। प्रश्न २१ - योग्यता मानने वाले को क्या-क्या प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं ? उत्तर- (१) उनने यह हुआ । (२) यह हो, यह ना हो । ( ३ ) ऐसा वयं आदि प्रश्न उपस्थित नही होते हैं । 1 जय महावीर जय महावीर -:0: निमित्तकारण चोथा अधिकार प्रश्न १- निमित्तकारण किसे कहते हैं ? उत्तर -- जो पदार्थ स्वयं स्वत. कार्यरूप परिणमित ना हो परन्तु कार्य की उत्पत्ति मे अनुकूल होने का जिस पर आरोप आ सके उस * पदार्थ को निमित्त कारण कहते हैं । जैसे-घडे की उत्पत्ति मे कुम्भकार, ts, चक्र आदि निमित्त कारण हैं । प्रश्न २ - क्या निमित्त सच्चा कारण है ? उत्तर - निमित्त सच्चा कारण नही है । वह अकारणवत्-अहेतुवत् है, क्योकि वह उपचार मात्र अथवा व्यवहार कारण है । प्रश्न ३ - निमित्त के पर्यायवाची नाम बताओ ? उत्तर - निमित्तमात्र, असर, प्रभाव, वलाधान, प्रेरक, सहायक इन सब शब्दो का अर्थ निमित्तमात्र है ।
SR No.010117
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages253
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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