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________________ ( 176 ) प्र. 10. एक पुद्गल की वर्तमान पर्याय का दूसरे पुद्गल को वर्तमान पर्याय में प्रभाव मो अन्योन्याभाव है यह हमारी समझ में नहीं पाया ? उ० जैसे दूध, दही और मट्ठा यह तीनों वर्तमान बस्तु है यह तीनों पुदग न द्रव्य की अलग 2 पर्याय हैं इनमें अन्योन्याभाव है / प्र० 11. अन्योन्याभाव के दृष्टांत देकर समझायो ? उ. जसे रोटी वाई ने बनाई, तो रोटी का तो बाई के साथ प्रत्यन्ताभाव है परन्तु हाथ चकला बेलन नवे ने तो बनाई ? कहते हैं, नहीं क्योंकि हाथ चकला बेलन रोटी यह सब वर्तमान वस्तुए है. इनमें अन्योन्याभाव है ? प्र० 12. क्या छप्पर को दिवार का आधार है ? उ० छप्पर और दिवार दोनों अलग पुद्गलों की वर्तमान अवस्थाए हैं इनमें अन्योन्याभाव है। इसलिए छ. नर को दिवार का आधार माने तो अन्योन्या भाव को नहीं माना / और दोनों अलग अलग हैं तो अन्योन्याभाव को माना। प्र० 13. (1) तेजस, कामरण शरीर में (2) घड़ा, चाक, डन्डा में (3) किताब, हाथ, पैन में (8) अग्नि पानी पतीला में (5) हाथ, स्टूल, औजारों में कौन सा अभाव है ? (1) तेजस तथा कार्मरण दोनों पुदगल की वर्तमान पर्याय हैं इनमें अन्योन्याभाव है। (2) घड़ा, चाक, डन्डा तीनों पुद्गल की वर्तमान पर्याय हैं / इनमें अन्योन्याभाव है। उ०
SR No.010116
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages219
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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