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________________ श्री पंच कल्याणक शुद्ध तिथि और नक्षत्र । तीर्थकर गर्भ जन्म तप ज्ञान मोक्ष नक्षत्र १ ऋषभनाथ प्रापाठकृ. २ चैत्र कृ ६ चंय ६ फाल्गुनकृ११ माघ कृ १४ उत्तरापान २ प्रजितनाथ ज्येष्ठ क ३० माघ शु १० घ शु ६ गौप शु ११ चैत्र शु १ रोहिणी ३ सभवनाथ फाल्गुन शु.८ तिक शु १५ मा शी शु १५ । र्तिक कृ ४त्र शु६ मृगशिरा ४ अभिनन्दननाथ वैशाख शु ६ माघ शु १२ माघ शु १२ शु १४ वैशाख शु ६ नवंमु ५ सुमतिनाय श्रावण शु. २ चैत्र शु. ११ वैशाख शु ६ चैत्र शु ११ चैत्र शु ११ मघा ६ पद्मप्रभ माघ कृ ६ कार्तिक १३ कार्तिक कृ १३ चैत्र शु १५ ाल्गुन कृ ४ चित्रा ७ सुपाश्र्वनाथ माद्रपद शु ६ ज्येष्ठ शु १२ प्ठ शु १२ फाल्गुन कृ ६ ॥ कृ ७ विशाखा ८ चन्द्रप्रभ व ५ गोप कृ ११ प कृ ११ ल्गुन कृ.७ । कृ ७ तुराधा ६ पुष्पदत ल्गुन कृ ६ मा शी.शु १ मा शो शु १ कार्तिक शु. २ पाद्रपद शु ८ मूल १० शीतलनाथ चैत्र कृ ८ माघ १२ माघ क १२ पिक १४ प्राचिन ८ पूर्वापाठ ११ श्रेयांसमाप k : ६ का १९. गुन.. - १२ वासुपूज्य
SR No.010107
Book TitleJain Nibandh Ratnavali 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMilapchand Katariya
PublisherBharatiya Digambar Jain Sahitya
Publication Year1990
Total Pages685
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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