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________________ ( १०० ) शती के कवि ने 'भी बीस तीर्थकर पूजा", श्री सोलहकारण पुमा, श्री बृहत्सद्ध चकपूजा' और भी सरस्वती पूजा' नामक पूजा रचनाओं में सुवासित करने और तपन मिटाने अथवा शीतलता प्रदान करने के लिए चंदन का प्रयोग उल्लेखनीय है । उन्नीसवीं शताब्दी के कवि वृंदावन, मनरंगलाल', रामचन्द्र, donterren", कमलनयन' और कवि मल्लजी ने उक्त आशय के साथ चन्दन का परम्परानुमोदित प्रयोग किया है। बीसवीं शती के पूजाकारोंरविमल", सेवक", भविलालगू", जिनेश्वर दास ४, दौलतराम ", कुं जिलाल " १. श्री बीस तीर्थंकर पूजा, द्यानतराय, जैन पूजापाठ संग्रह, पृष्ठ ३३ । २. श्री सोलहकारण पूजा, बानतराय, जैन पूजापाठ संग्रह, पृष्ठ ५६ । ३. श्री बृहत् सिद्धचक्रपूजाभाषा, खानतराय, जैन पूजापाठ संग्रह, पृष्ठ २३६ । ४. कपूर मंगाया, चंदन आया, केशर लामा, रंगभरी । — श्री सरस्वती पूजा, द्यानतराय, राजेशनित्यपूजापाठ संग्रह, पृष्ठ ३७५ । ५. मलयागिर कपूर चन्दन घसि, केसर रंग मिलाय । - श्री पद्मप्रभुजिनपूजा, वृंदावन, राजेश नित्य पूजापाठ संग्रह, पृष्ठ ८२ । ६. श्री शीतलनाथ जिनपूजा, मनरंगलाल, राजेश नित्य पूजापाठ संग्रह, पृष्ठ ६८ । ७. श्री गिरनार सिद्धक्षेत्र पूजा, रामचन्द्र, जैन पूजापाठ संग्रह, पृष्ठ १४२ । ८. श्री कुंथुनाथ जिनपूजा, बस्तावर रत्न, ज्ञानपीठपूजांजलि, पृष्ठ ५४२ ६. वामन चंदन दाह निकंदन अरु कपूर मिलाबी । -श्री पंचकल्याणक पूजापाठ, कमलनयन, हस्तलिखित । १०. श्री क्षमावाणी पूजा, मल्लजी, ज्ञानपीठ पूजांजलि, पृष्ठ ४०३ । ११. श्री तीस चोबीसी पूजा, रविमल, जैन पूजापाठ संग्रह, पृष्ठ २४५ । १२. श्री अनंतव्रत पूजा, सेवक, जैन पूजापाठ संग्रह, पृष्ठ २६६ । १३. श्री सिद्धपूजा भाषा, भविलालडू, राजेश नित्य पूजापाठ संग्रह, पृष्ठ ७२ । १४. श्री बाहुबलिस्वामीपूजा, जिनेश्वरदास, जैनपूजापाठसंग्रह, पृष्ठ १६९ । १५. श्री पावापुर सिद्ध क्षेत्रपूजा, दीसतराम, जैन पूजापाठ संग्रह, पृष्ठ १४७ । १६. श्री भगवान महावीर स्वामी पूजा, कु जिलाल, नित्य नियम विशेष पूजन संग्रह, पृष्ठ ४१ |
SR No.010103
Book TitleJain Hindi Puja Kavya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAditya Prachandiya
PublisherJain Shodh Academy Aligadh
Publication Year1987
Total Pages378
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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