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________________ ( २६६) (१९ोगती) (९) बिनती मेरी सुनिये। (खतावररत्न, श्री पुष्पदन्त चिनपूणा) (२) इन आदिक मेव सुनो। (बख्तावररल, श्री अनन्तनाथ जिनपूजा) (३) पचन यों सुनाये। (बस्तावररत्न, श्री नेमिनाप जिनपूजा) (२० वीं शती) (१) मन की बाधा सुनो। __ (रघुसुत, श्री विष्णुकुमार महामुनि पूजा) (२) रविमल को विनती सुनो नाथ । - (रविमल, श्री तीस चौबीसी पूजा) (१३) मिल (१८ वीं शती) (१) जल केशर करपूर मिलाय। (यानतराय, श्री पंचमेरुपूजा) (१६ वीं शती) (१) जल फल द्रव्य मिलाय। (बस्तावररस्म, श्री सुमतिनाथ जिनपूजा) (२) बशगंध मिलावे। (बख्तावररल, श्री कुंथुनाथ जिनपूजा) (२० वीं शती) (१) मुझको न मिली सुखको रेखा। (युगल, श्री देवशास्त्र गुरुपूजा) (२) केसर भावि कपूर मिले मलयागिरि चन्दन । (आशाराम, श्री सोनागिरि सिद्धक्षेत्र पूजा) (१४) सह (१८वीं शती) (१) सहे क्यों नहिं जीयरा । (यानतराय, श्री वशलक्षण धर्मपूजा) (१६वीं शती) (१) दुःख सहे। (बस्तावररत्म, श्री अभिनंदमनाथ जिन पूजा) (२०वीं शती) (१) कुल सहे अतिभारी। (विनेश्वरवास, पीचनप्रणपूणा) (२) बाइस परीवह वह सहन्त। (गुमालाल, श्री सन्मगिरि क्षेत्रमा)
SR No.010103
Book TitleJain Hindi Puja Kavya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAditya Prachandiya
PublisherJain Shodh Academy Aligadh
Publication Year1987
Total Pages378
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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