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________________ भोपन (भोग' का बहुवचन ), मम मोपन वर्ष मये, . . (भीमाय जिनपूजा, बख्तावररल) मंदिरन ('मंदिर' का बहुवचन ), पांच मंख्रिन बीच (श्री पंचकल्याणक पूजापाठ, कमलनयन) मुनिन ( 'मुनि' का बहुवचन ), मुनिन की पूजा कंक, (श्री अथसप्तपिपूजा, मनरंगलाल ) रामन ('राजा' का बहुवचन ), मिष राजन भोग, (श्री अब सप्तषिपूजा, मनरंगलाल ) सिडन ( "सिद्ध' का बहुवचन ), जयसिडन को, (श्री कंचनाय जिनपूजा बख्तावररत्न ) ऋद्धिन (ऋषि' का बहुवचन), अष्ट ऋदिन कों, (श्री अथ सप्तषिपूजा, मनरंगलाल ) बीसवीं शतीमरिन ( 'अरि' का बहुवचन ), कर्म मरिन को जीत, (श्री चतुर्विशति तीर्थकर समुच्चयपूजा, होराचंब) मेनन (क्षेत्र' का बहुवचन ), वश क्षेत्रन में इकसार होय, (ो तीस चौबीसी पूजा, रविमल ) गुथन ( 'गुण' का बहुवचन ), अनन्ते गुणन, (भी सण्डगिरि क्षेत्रपूजा, मुन्नालाल) कोरन ( 'चकोर' का बहुवचन ), चार चरित चकोरन के, (श्री चनाप्रभु जिनपूजा, जिनेश्वरवास ) चरणन ( 'परम' का बहुवचन ), धचरणन, (भी बडगिरि क्षेत्रपूबा, मुन्नालाल) उन्धन ('अम्म' का बहुवचन ), मंगल द्रव्यन को सुखान, (यो सोनागिरि सिखलेच पूजा, आशाराम) देवन ('देव' का बहुवचन ), देवनघर घंटा बाजे, (भी महावीर स्वामी पूजा, जिलाल ) बेशन (देश का बहबबन ), सब देशन के, (मी बाचनपुर महावीर स्वामी पूजा, पूरणमल ) गुपन ( 'नप' या बहुवचन ), पाविधिनुपन पान (श्री बाहुबली पूजा; बीपर)
SR No.010103
Book TitleJain Hindi Puja Kavya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAditya Prachandiya
PublisherJain Shodh Academy Aligadh
Publication Year1987
Total Pages378
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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